नई दिल्लीः वैज्ञानिकों ने एक नए अध्ययन में इस बात का खुलासा किया है कि किस प्रकार से गर्भावस्था के दौरान मादा सेक्स हार्मोन्स मस्तिष्क को मातृत्व के लिए तैयार करते हैं। वैज्ञानिकों ने चूहे पर अध्ययन के बाद यह निष्कर्ष निकाला है। ब्रिटेन के फ्रांसिस क्रीक इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने पाया कि एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन्स मस्तिष्क के उस क्षेत्र जो कि पालन-पोषण से जुड़ा है पर कुछ खास न्यूरॉन्स पर कार्य करते हैं। हार्मोन मुख्य रूप से अंडाशय में बनते हैं और प्रजनन आदि के लिए जिम्मेदार होते हैं।
पढ़ें बड़ी खबरें : इन देशाें में छिड़ी जंग, उग्रवादियों ने दागे दर्जनों रॉकेट, देशभर में सुनी गई सायरन की आवाज
शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क की रिकॉर्डिंग के बाद उसका अध्ययन किया और पाया कि मस्तिष्क के खास क्षेत्र जिसे ‘मेडियल प्रिऑप्टिक एरिया’(एमपीओए) कहते हैं ये हाइपोथेलेमस (मस्तिष्क के अंदर का एक भाग) में स्थित होता है। एस्ट्रोजन न्यूरॉन्स अथवा तंत्रिका कोशिकाओं को अधिक उत्तेजित करते हैं जबकि प्रोजेस्ट्रॉन इन न्यूरॉन्स के बीच अधिक कनेक्शन जोड़कर संचार को बढ़ाते हैं। इन न्यूरॉन्स को साइनेप्सेस कहा जाता है।
पढ़ें बड़ी खबरें : Highway पर पलटी बस, 3 बच्चों समेत 16 की हुई मौत, 29 घायल
जब शोधकर्ताओं ने सेक्स हार्मोन को एमपीओए न्यूरॉन्स को प्रभावित करने से रोका तो चूहों ने गर्भावस्था के दौरान और जन्म देने के बाद भी मातृत्व का भाव नहीं दिखाया। इससे शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे की गर्भावस्था के दौरान एक खास अवधि होती है जब ये हार्मोन्स प्रभाव में आते हैं। ये अध्ययन जर्नल ‘साइंस’ में प्रकाशित हुआ है। इससे पहले यह माना जाता था कि जन्म देने के समय उत्पन्न वाले हार्मोन मातृत्व व्यवहार के लिए सबसे महत्वपूर्ण होते हैं।
पढ़ें बड़ी खबरें: सालों पुराना झगड़ा खत्म करते हुए Salman Khan के घर पहुंचा ये बड़ा Singer