सासों की बदबू एक आम समस्या है। यह किसी को भी हो सकती है। इससे खूबसूरती एवं व्यक्तित्व सब कुछ मटियामेट हो जाता है। यह एक प्रकार से बीमारी का लक्षण है। दांतों की अपर्याप्त सफाई व पेट संबंधित रोगों के कारण यह होती है। सांसें महकी-महकी नहीं होने पर खूबसूरती एवं व्यक्तित्व की परिभाषा अधूरी है। आकर्षक व्यक्तित्व के बाद भी सांसों की बदबू लोगों से दूर कर देती है। बच्चे-बड़े, स्त्री-पुरूष सभी सांसों की बदबू से पीड़ित मिल जाते हैं। यह आमतौर पर अपच एवं पायरिया जैसे रोग होने पर सामने आता है। सांसों की बदबू का निवारण आप स्वयं भी कर सकते हैं।
-प्रतिदिन दो बार नियमित रूप से ब्रश करें। बु्रश मुलायम हो। दांतों की सफाई पूरी तरह करें। विज्ञापनों से प्रभावित होकर टूथपेस्ट या ब्रश का उपयोग नहीं करें। दुर्गंध की स्थिति में मेडिकेटेड टूथपेस्ट का उपयोग करें। जीभ पूरी तरह साफ रखें।
-सप्ताह में एक दिन किसी अनुकूल आयुर्वेदिक टूथपेस्ट या मंजन पाउडर का उपयोग करें। सरसों एवं नमक मिश्रित चीज से दांतों एवं मसूड़े की सफाई करें।
-ब्रश लापरवाहीपूर्वक न करें।
-दांतों पर फंसे खाद्य कण के सड़ने से सांसों में बदबू आती है, अतएव खाने के बाद इसकी सफाई पर ध्यान दें।
-दिन में दो बार ब्रश करने के अलावा बीच-बीच में मुंह धोएं और कुल्ला करें।
-चाय या काफी दो से अधिक बार न लें। इससे भी दुर्गध की शिकायत होती है। चाय या काफी की अधिकता की स्थिति में कुल्ला अवश्य करें।
-च्यूंगम चबाने से भी लाभ मिलता है। इससे दांतों का पूरा व्यायाम हो जाता है।
-अधिक समय तक पेट को खाली न रखें। यह भी बदबू का कारण बनता है।