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जहरीली हवा दिमाग को भी पहुंचा रही नुकसान, जिससे बढ़ रहा Mental Disorder का खतरा

एयर पॉल्यूशन से केवल आपके फेफड़े नहीं, बल्कि दिमाग को भी खतरा होता है। जामा जर्नल में दो हालिया स्टडीज के मुताबिक, लंबे समय तक जहरीली हवा में सांस लेने पर आपको डिप्रैशन हो सकता है। यानी वायु प्रदूषण आपकी मैंटल हैल्थ खराब कर रहा है। इसे लेकर दो रिसर्च की गई। पहली नैटवर्क ओपन.

एयर पॉल्यूशन से केवल आपके फेफड़े नहीं, बल्कि दिमाग को भी खतरा होता है। जामा जर्नल में दो हालिया स्टडीज के मुताबिक, लंबे समय तक जहरीली हवा में सांस लेने पर आपको डिप्रैशन हो सकता है। यानी वायु प्रदूषण आपकी मैंटल हैल्थ खराब कर रहा है। इसे लेकर दो रिसर्च की गई। पहली नैटवर्क ओपन जर्नल की रिसर्च के अनुसार, लंबे समय तक खराब हवा से एक्सपोज होने से लोगों में डिप्रैशन के लक्षण आ रहे हैं। यह ज्यादातर बुजुर्गों में देखा जा रहा है। दूसरी जामा साइकियाट्री जर्नल की रिसर्च में वैज्ञानिकों ने कहा है कि हवा में मौजूद दूषित कणों की कम मात्रा से भी आपको डिप्रैशन और एंग्जाइटी हो सकती है।

बुजुर्गों पर हुई रिसच
दूसरी रिसर्च में 64 साल से ज्यादा के बुजुर्गों को शामिल किया गया। ये सभी अमरीका के रहने वाले थे। रिसर्चर्स के मुताबिक, 2005 से 2016 के बीच में 90 लाख में से 15.2 लाख बुजुर्गों में डिप्रैशन के लक्षण देखे गए। ऐसा लंबे समय तक जहरीली हवा में रहने से हुआ। वैज्ञानिकों का कहना है कि लोगों में एक उम्र के बाद ये लक्षण देखने को मिल रहे हैं।

एयर क्वालिटी से मैंटल डिसऑर्डर का खतरा
पहली स्टडी में ब्रिटेन और चीन के 3 लाख 90 हजार लोगों को शामिल किया गया। इनकी सेहत को 11 साल तक मॉनिटर किया गया। वैज्ञानिकों ने पाया कि ब्रिटेन में एयर क्वालिटी खराब होने पर लोगों में डिप्रैशन और एंग्जाइटी के लक्षण देखे गए। यानी बढ़ती उम्र के साथ लोगों को खराब हवा से मैंटल डिसआॅर्डर्स का रिस्क होता है।

ट्रैफिक, पावर प्लांट का पॉल्यूशन खतरनाक
जिन दूषित कणों के कारण लोगों में डिप्रैशन देखने को मिल रहा है, उनमें ट्रैफिक से निकालने वाला प्रदूषण, धूल, धुआं, नाइट्रोजन डाई-ऑक्साइड, पावर प्लांट से निकलने वाला प्रदूषण आदि शामिल है। रिसर्चर्स का कहना है कि युवाओं में भी इसका असर देखने को मिल सकता है। एयर पॉल्यूशन से उनकी मैमोरी कमजोर होने, शारीरिक बीमारी होने और मौत तक का खतरा है।

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