पीठ दर्द से बचने के लिए हर रोज बैठने का समय कम करें : अध्ययन

नई दिल्ली: एक नए अध्ययन में पीठ दर्द को बढ़ने से कैसे रोका जा सकता है इसे लेकर खुलासा हुआ है। अध्ययन में सुझाव दिया है कि पीठ दर्द को बढ़ने से रोकने के लिए हर रोज बैठने का समय कम करें और व्यायाम करें। पीठ दर्द बहुत आम है। पीठ में दर्द होने के.

नई दिल्ली: एक नए अध्ययन में पीठ दर्द को बढ़ने से कैसे रोका जा सकता है इसे लेकर खुलासा हुआ है। अध्ययन में सुझाव दिया है कि पीठ दर्द को बढ़ने से रोकने के लिए हर रोज बैठने का समय कम करें और व्यायाम करें। पीठ दर्द बहुत आम है। पीठ में दर्द होने के कुछ मुख्य कारण मांसपेशियों में खिंचाव, डिस्क की क्षति, कुछ स्वास्थ्य समस्याएं जैसे-स्कोलियोसिस और ऑस्टियोपोरोसिस शामिल हैं। फिनलैंड के तुर्कू विश्वविद्यालय के डॉक्टरेट शोधकर्ता और फिजियोथेरेपिस्ट जोआ नोरहा ने कहा कि पीठ के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित लोगों को काम पर या खाली समय में बैठना कम करना चाहिए।

गतिविधि और पीठ दर्द के बीच संबंध और पीठ दर्द से संबंधित तंत्र को समझने के लिए शोधकर्ताओं ने अधिक वजन या मोटापे और मेटाबोलिक सिंड्रोम से ग्रस्त 64 वयस्कों को शामिल किया। 6 महीने के अध्ययन के दौरान प्रतिभागियों ने औसतन प्रतिदिन 40 मिनट तक बैठने का समय कम कर दिया। पीठ दर्द से पीड़ित लोगों में अक्सर पीठ की मांसपेशियों में अत्यधिक वसा जमा हो जाती है। उनमें ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म या इंसुलिन सेंसिटिविटी में कमी होने की भी संभावना होती है, जिससे उन्हें दर्द होने की संभावना ज्यादा होती है। हालांकि, अध्ययन में ‘पीठ की मांसपेशियों की चर्बी (वसायुक्तता) या ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म‘ के बीच कोई संबंध नहीं मिला।

इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने कहा कि ज्यादा वजन या मोटापे और मेटाबोलिक सिंड्रोम से न केवल पीठ दर्द का खतरा बढ़ता है, बल्कि हृदय रोग का भी खतरा बढ़ जाता है। फिजियोथेरेपिस्ट जोआ नोरहा ने कहा कि केवल खड़े रहना भी मददगार नहीं हो सकता। इसके बजाय चलना या अधिक तेज व्यायाम ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि सही मुद्रा की तलाश करने की तुलना में मुद्राओं के बीच बदलाव करना ज्यादा महत्वपूर्ण है। एक वेिषण के अनुसार 2050 तक 80 करोड़ से अधिक लोग पीठ के निचले हिस्से में दर्द से पीड़ित होंगे, जो 2020 की तुलना में 36 प्रतिशत की वृद्धि है। अध्ययन से पता चला है कि 2017 से कमर दर्द के मामले तेजी से बढ़े हैं और यह संख्या आधे अरब से ज्यादा हो गई है। साल 2020 में कमर दर्द के लगभग 61.9 करोड़ मामले थे।

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