नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी के एक निजी अस्पताल ने स्पाइनल ट्यूबरक्लॉसिस (टीबी) और लकवाग्रस्त गर्भवती महिला की सकुशल प्रसूति करवाने में सफलता हासिल की है। फोर्टिस अस्पताल, शालीमार बाग के चिकित्सकों ने यहां संवाददाताओं को बताया कि अस्पताल में उनके उपचार से इन दो गंभीर परेशानियों से जूझ रही महिला ने न केवल स्वस्थ शिशु को जन्म दिया बल्कि उसकी ट्यूबरक्लॉसिस की बीमारी दूर करने में सफलता हासिल की गई।
फोर्टिस शालीमार बाग की निदेशक एवं न्यूरोसर्जरी की विभागाध्यक्ष सोनल गुप्ता ने एक सवाल के जवाब में बताया कि सड़क दुर्घटना से, रीढ़ की हड्डी में टीबी होने या किसी अन्य कारण से रीढ़ की हड्डी में चोट आने से पैर लकवाग्रस्त हो सकते हैं। पैरों में खिंचाव और सुन्न होना इस बीमारी का संकेत हैं। उन्होंने बताया कि उनके अस्पताल में आई महिला ट्यूबरक्लॉसिस बीमारी से ग्रस्त होने के साथ ही गर्भवती भी थी, ऐसे में उनका उपचार करना एक कठिन चुनौती थी।
महिला सात महीने से लकवा से भी पीड़ित थी। उन्होंने बताया कि महिला चार महीनों से पीठ दर्द की समस्या से परेशान थीं। शुरू में महिला को लगा कि यह दर्द गर्भधारण के कारण हो सकता है और इसी वजह से उन्होंने इसकी तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया, लेकिन गर्भधारण के छठे महीने तक भी उनकी तकलीफ कम नहीं हुई और इस बीच उनके दोनों पैरों में कमजोरी भी महसूस होने लगी।
अगले 20 दिनों में उनके दोनों पैर पूरी तरह से लकवाग्रस्त हो गए और उन्होंने बिस्तर पकड़ लिया। डॉ सोनल ने बताया कि मरीज की सही समय पर सर्जरी हो जाने से उनको और उनके बच्चे को बचा लिया गया। उन्होंने कहा कि यदि मरीज को समय पर उपचार नहीं मिलता तो वह आजीवन बिस्तर पर ही सिमटी रहती और व्हील चेयर का सहारा लेने को मजबूर हो जाती।