बच्चों को सिखाएं बिजली बचाने की आदत, पढ़ें पूरी खबर

छोटी चीजें खूबसूरत होती हैं। एक बहुत छोटी, लेकिन सरल आदत, जो अकसर हम में से ज्यादातर लोगों को नहीं होती, वह है उन गैर-जरूरी लाइटों और इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों को बंद करना, जो इस्तेमाल नहीं हो रहे हों। यह आदत बनाना बहुत आसान है और यह धन व संसाधन बचाने के लिहाज से भी काफी.

छोटी चीजें खूबसूरत होती हैं। एक बहुत छोटी, लेकिन सरल आदत, जो अकसर हम में से ज्यादातर लोगों को नहीं होती, वह है उन गैर-जरूरी लाइटों और इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों को बंद करना, जो इस्तेमाल नहीं हो रहे हों। यह आदत बनाना बहुत आसान है और यह धन व संसाधन बचाने के लिहाज से भी काफी फायदेमंद है।

आदत: सरल भाषा में कहें तो इसमें बच्चे को सिर्फयह आदत डलवानी है कि वह इस्तेमाल नहीं हो रही लाइटों और इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों का स्विच बंद कर दे। वे लाइटें अपने घर की, दूसरों के घर की, आॅफिस की और सार्वजनिक स्थलों की भी हो सकती हैं।

लाभ: ’बच्चे को अनुशासित करने के साथ ही उसे न्यूनतम संसाधनों का अधिकतम लाभ लेने में उपयोग करने की आदत पड़ेगी। इससे बच्चे को बचत के मूल्य का अहसास होगा, जो जल्दी ही पानी बचाने, कागज बचाने आदि जैसे क्षेत्रों तक विस्तारित हो जाएगा।

– बिजली बचेगी और बिल भी कम आएगा। परिवार का बिजली पर खर्च कम होगा, क्योंकि उन्हें बल्ब कम खरीदने पड़ेंगे।

– अगर आप रोजाना 6 रु पए प्रति यूनिट की दर से पांच यूनिट बिजली भी बचाते हैं तो साल भर में यह 10,950 हो जाता है। एक औसत चार लोगों का भारतीय परिवार प्रतिवर्ष 43,800 रु पए तक बचा सकता है! अगर भारत के सभी 130 करोड़ नागरिक यह आदत डाल लें तो कल्पना कीजिए, देश की कितनी बचत होगी!

– गर्मियों में लाइटें बंद रखने से कमरा ज्यादा ठंडा रहता है, जो एक अतिरिक्त लाभ होगा। इससे बिजली का उपयोग कम होगा और बल्बों व इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों की उम्र बढ़ेगी। साथ ही, आग लगने से भी बचाव होगा; क्योंकि इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों को लंबे समय तक लापरवाही से लगातार इस्तेमाल करते रहना, आग लगने की घटनाओं के प्रमुख कारणों में से एक है।

– ’राष्ट्रीय संसाधनों की बचत होगी, क्योंकि इससे राष्ट्रीय संसाधनों पर दबाव कम होगा। बिजली बचाकर आप यह बिजली उन लोगों को देने में मदद करते हैं, जिन्हें यह मिल नहीं पाती।

– इससे बच्चे के नागरिक संस्कार बेहतर होंगे, क्योंकि बिजली बचाकर उसे लगेगा कि वह देश के लिए कुछ अच्छा कर रहा है।

– अप्रत्यक्ष रूप से बच्चे का स्वास्थ्य सुधरने में मदद मिलेगी। गैजेट्स और टी.वी. बंद रहने से बच्चा खुले में खेलने जाता है या कुछ अधिक सक्रि य काम करता है।

बजली बचाने की आदत बनाना:

– एक आम नियम यह होना चाहिए कि बच्चा जब भी 15 मिनट या अधिक समय के लिए कमरे से बाहर जाए, लाइट बंद कर दे।

– बच्चे को बिजली का दाम बताएं और यह भी बताएं कि किस तरह बिजली बचाने से परिवार एवं देश के संसाधन तथा धन बचाने में मदद मिलती है और इसके साथ ही पर्यावरण की भी रक्षा होगी। उसके साथ मिलकर महीने भर के कुल खर्च में बिजली पर खर्च का प्रतिशत निकालने पर चर्चा करें। महीने भर में बिजली के बिल पर 15 प्रतिशत बचाने का पारिवारिक लक्ष्य तय करें। इस आदत पर निगाह बनाए रखने के लिए हम अपने घर के मासिक बिल की यह आदत बनने से पहले और बाद की स्थिति की तुलना करें।

– ’बच्चे को बताएं कि वह घर या स्कूल या सार्वजनिक स्थलों पर, जहां कहीं भी लाइट या पंखा, एयर कंडीशनर, माइक्र ोवेव ओवन आदि इलैक्ट्रिक उपकरण चलता दिखाई दे, जो इस्तेमाल न हो रहा हो, तो उसे बंद कर दे ।

 

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