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इसलिए शरीर के लिए पानी होता है बहुत जरूरी, जानें आप भी

वैज्ञानिक अनुसंधानों के अनुसार एक व्यक्ति बिना भोजन के 1 हμते तक जीवित रह सकता है, लेकिन पानी की 1 बूंद के बिना 5 दिन से ज्यादा जीवित नहीं रह सकता। इंसान के शरीर में जैसे ही 1 प्रतिशत भी पानी की कमी होती है उसे प्यास लगने लगती है। 5 प्रतिशत तक की कमी.

वैज्ञानिक अनुसंधानों के अनुसार एक व्यक्ति बिना भोजन के 1 हμते तक जीवित रह सकता है, लेकिन पानी की 1 बूंद के बिना 5 दिन से ज्यादा जीवित नहीं रह सकता। इंसान के शरीर में जैसे ही 1 प्रतिशत भी पानी की कमी होती है उसे प्यास लगने लगती है। 5 प्रतिशत तक की कमी आने पर शरीर की नसों और उस के स्टैमिना में कमी आने लगती है। ऐसा होने पर शरीर बहुत थका और बहुत ही ड्राईनैस महसूस करने लगता है। अगर शरीर में पानी के स्तर में 10 प्रतिशत की कमी आती है तो इंसान को धुंधला दिखने लगता है। वह बेहोशी की हालत में आ जाता है। अगर शरीर में पानी की कमी 20 प्रतिशत तक हो जाए तो यह इंसान की मौत का कारण भी बन सकती है। यही कारण है कि इंसान को हमेशा अपने शरीर की पानी की पूर्ति करते रहना चाहिए। आईये, जानें कि पानी किस तरह शरीर के कई बेहद जरूरी कामों के लिए अहम है।

पानी एक वाहक: हमारे शरीर का दो तिहाई हिस्सा पानी या तरल पदार्थ का बना होता है। रक्त, जिसे हम मानवशरीर की जीवनरेखा कहते हैं, उस का भी 83 प्रतिशत पानी ही होता है। रक्त शरीर के हर अंग तक विटामिन, मिनरल्स, अन्य जरूरी पोषक तत्त्व जैसे हीमोग्लोबिन, ऑक्सीजन आदि को पहुंचाने का काम करता है। पेशाब भी हमारे शरीर का एक अहम तरल पदार्थ है, जो शरीर से खराब टॉक्सिक को बाहर निकालने का काम करता है। अगर हमारे शरीर में पानी की मात्रा कम है, तो शरीर में बनने वाले विषाक्त पदार्थ बाहर नहीं जाएंगे और इस से कई समस्याएं जैसे त्वचा का सूखापन, कब्ज, सिरदर्द आदि हो सकती हैं।

इलैक्ट्रोलाइट संतुलन: इलैक्ट्रोलाइट्स, सोडियम या पोटैशियम जैसे मिनरल होते हैं और डीहाइड्रेशन से बचने के लिए इन का शरीर में संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है। ये मिनरल शरीर में कई कामों के लिए अहम होते हैं। जैसे रक्त का पीएच स्तर बनाए रखना, नसों का काम और मस्तिष्क व शरीर के अन्य अंगों के बीच संतुलन बनाए रखना। आमतौर पर बहुत ज्यादा पसीना निकलने से शरीर में इलैक्ट्रोलाइट के स्तर में गिरावट आती है, जिस की वजह से थकावट, चक्कर आना आदि समस्याएं होती हैं।

नाजुक अंगों की रक्षा: हमारे शरीर के बेहद नाजुक हिस्सों जैसे आंख, पाचनतंत्र, मुंह आदि को भी पर्याप्त पानी की जरूरत होती है। पानी की कमी से सब से ज्यादा प्रभाव हमारे पाचनतंत्र पर पड़ता है। खाना पचाने के लिए मुंह में बनने वाली राल बेहद जरूरी होती है, जबकि शुष्क मुंह में चबाने और भोजन को अंदर तक ले जाने में समस्या होती है, जिस से अपच की समस्या हो सकती है। हमारी आंखों को भी पानी की जरूरत होती है ताकि जमा गंदगी को साफ किया जा सके।

हड्डियों को रखता है मजबूत: शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए हमें विटामिन डी और कैल्शियम के साथ-साथ पानी की भी बहुत जरूरत होती है। शरीर के सभी जौड़ जैसे ऐड़ी व घुटने के जौड़ आदि में नरमी बनाए रखने के लिए पानी की जरूरत होती है। कम पानी की वजह से प्रौढ़ावस्था में ही हड्डियों से जुड़ी समस्याएं जैसे आर्थराइटिस, झुकाव, चोट आदि हो जाती हैं।

शरीर के तापमान को बनाए रखता है: पानी हमारे शरीर में प्राकृतिक तौर पर तापमान को सामान्य बनाए रखने का काम करता है। एक सामान्य शरीर का तापमान 35 डिग्री सैल्सियस या 98.6 डिग्री फारेनहाइट होता है इसलिए जब हम धूप में गरम तापमान में जाते हैं तो हमारे शरीर से बहुत पसीना निकलता है, जिस से शरीर का तापमान कम हो जाता है।

बच्चों से ले कर बड़ों तक सभी को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए ताकि वे अच्छी जिंदगी जी सकें। प्रत्येक वयस्क व्यक्ति को दिन भर में 2 लीटर तरल पदार्थ पीना चाहिए। इस के साथ ही पानी की शुद्धता को ले कर भी सतर्क रहना चाहिए। नल के पानी को हमेशा उबाल कर ही पीना चाहिए। फिल्टर पानी का इस्तेमाल करें।

जब भी बाहर जाएं, पानी अवश्य साथ रखें। दूषित पानी से पेट से जुड़ी समस्याएं ज्यादा होती हैं। सफर के दौरान घर से थोड़ा ही पानी लिया जा सकता है। ऐसे में आप बोतलबंद पानी ले सकते हैं। बोतलबंद पानी चुनते वक्त हमेशा सीलबंद बोतल ही खरीदें।

हमेशा ऐसी बोतल लें जिस पर आईएसआई मार्कलगा हो, जो शुद्धता की पहचान है। कई बोतलबंद पानी के ब्रैंड आईएसआई मार्क की कसौटी पर खरे नहीं उतरे। इन बोतलों के पानी में टीडीएस की मात्रा अधिक पाई गई। अत: बोतलबंद पानी लेते समय बोतल पर आईएसआई मार्क जरूर देखें।

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