टोक्योः रोज-रोज सुबह की सैर या व्यायाम करने से जी चुराने वाले और अति व्यस्तता के कारण इसके लिए समय नहीं निकाल पाने वाले वालों के लिए जापान के एक शोधकर्ताओं ने अच्छी खबर सुनायी है कि केवल सप्ताहांत में दो दिन 8,000 कदम चलने से असामयिक मौत का खतरा कम किया जा सकता है। क्योटो यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ मेडिसिन समेत कई संस्थानों के शोधकर्ताओं के समूह ने बताया कि जो लोग प्रति सप्ताह एक या दो दिन रोजाना कम से कम 8,000 कदम चलते हैं, उनमें 10 साल के बाद मौत के जोखिम में उतनी ही कमी देखी गयी, जितनी कि प्रति सप्ताह तीन से सात दिन तक चलने वाले लोगों में थी।
अध्ययन हाल ही में अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जामा नेटवर्क ओपन मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ था। पिछले शोधों से पता चला था कि प्रतिदिन 8,000 कदम या उससे अधिक चलने से मौत का खतरा कम हो सकता है। यह हालांकि स्पष्ट नहीं था कि इतने कदम चलने में बिताये दिनों की संख्या के आधार पर जोखिम कैसे भिन्न हो सकता है। शोधकर्ताओं ने 2005 और 2006 के बीच किये गये एक अमेरिकी राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़ों का उपयोग किया, जिसमें 20 या उससे अधिक उम्र के 3,101 लोगों द्वारा प्रतिदिन चले गये कदमों और 10 साल बाद मौत के जोखिम के बीच संबंध का अध्ययन किया गया।
अध्ययन के अनुसार जो लोग एक या दो दिन और तीन से सात दिन में प्रतिदिन कम से कम 8,000 कदम चले, उनमें से तीन से सात दिन के समूह में मृत्यु दर 16.5 प्रतिशत कम दर्ज की गयी, जबकि एक या दो दिन चलने वाले समूह की मृत्यु दर 14.9 प्रतिशत कम थी। अनुसंधान समूह ने जब शोध को हृदय और रक्त वाहिकाओं से संबंधित बीमारियों से होने वाली मौतों तक सीमित किया, तो दर तीन से सात दिन के समूह के लिए 8.4 प्रतिशत कम थी और एक या दो दिन के समूह के लिए 8.1 प्रतिशत कम थी। सप्ताहांत पर सैर की सलाह देने वाले क्योटो यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट स्कूल ऑफ मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर कोसुके इनौए ने कहा, ‘‘अब हर दिन सैर के लिए दबाव महसूस करने की कोई आवश्यकता नहीं है।’’