Bareilly Crime : बरेली जिले की एक अदालत ने दस साल की बच्ची की हत्या के दोषी उसके माता-पिता और बुआ को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) सचिन कुमार जायसवाल ने शनिवार को यह जानकारी दी। जायसवाल ने बताया कि सुनवाई पूरी करने के बाद शुक्रवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टचार निवारण अदालत संख्या-6) अरविंद कुमार यादव ने तीनों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई और 90 हजार रुपये जुर्माना लगाया। उन्होंने बताया कि अगस्त 2020 में अवैध संबंधों को उजागर करने की धमकी देने पर दस साल की किशोरी के माता-पिता और बुआ ने मिलकर उसकी हत्या कर दी और शव को घर में ही दफना दिया। बुआ के बेटे ने आरोपियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई और अपनी मां और मामा-मामी के विरुद्ध अदालत में गवाही दी।
परिवार में अवैध संबंधों का मामला था
जायसवाल ने बताया कि आरोपियों के परिवार में अवैध संबंधों का मामला था और बच्ची हमेशा इसका विरोध करती थी और पूरे प्रकरण का खुलासा करने की धमकी देती थी, इसलिए बच्ची को रास्ते से हटा दिया गया। जायसवाल ने बताया कि वारदात की प्राथमिकी मृतका के फुफेरे भाई 17 वर्षीय सेरामऊ निवासी सूरज ने बरेली जिले के थाना इज्जत नगर में 20 अगस्त 2020 को हत्या समेत संबंधित धाराओं में दर्ज कराई थी।
शव को गड्ढा खोदकर उसमें दबा रहे थे
सूरज ने पुलिस को बताया कि उसकी उम्र करीब 17 वर्ष है और वह बचपन से ही अपने मामा के घर रहता है। सूरज ने यह आरोप लगाया था कि उसके मामा रवि बाबू व उसकी मां राधा देवी व मामी रितु एक कमरे में उसकी ममेरी बहन काजल (10) के शव को गड्ढा खोदकर उसमें दबा रहे थे। सूरज के मुताबिक, जब उसने पूछा कि काजल को क्या हुआ है? उसे क्यों गड्ढे में दबा रहे हो? इस पर मामा-मामी ने बताया कि तख्त से अचानक गिरने से काजल की मृत्यु हो गई है, इसलिए उसके शव को यहां दबा रहे हैं।
मगर इसे बात से सूरज सहमत नहीं हुआ। घटना के तीसरे दिन सूरज इज्जत नगर थाने पहुंचा और पुलिस को पूरी कहानी बताई। उसके शिकायती पत्र के बाद पुलिस ने बच्ची का शव कमरे के अंदर के गड्ढे से बरामद कर लिया। एडीजीसी सचिन जायसवाल ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि किशोरी की कलाई की हड्डी दो जगह से टूटी थी और उसके शरीर पर चोट के आठ निशान थे। पुलिस ने विवेचना पूरी कर अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया। मामले में सात गवाह अदालत में पेश हुए और सुनवाई पूरी होने के बाद शुक्रवार को सजा सुनाई गई।