भोपाल में लोगों ने VVIP बंगलों के लिए पेड़ों को नहीं कटने देने की शपथ ली

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सैकड़ों लोगों ने 27,000 से अधिक पेड़ों को बचाने के लिए एकजुटता दिखाते हुए

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सैकड़ों लोगों ने 27,000 से अधिक पेड़ों को बचाने के लिए एकजुटता दिखाते हुए इन्हें बचाने की शपथ ली है। लोगों को डर है कि शहर में अति विशिष्ट लोगों (वीवीआईपी) के बंगलों के लिए जगह बनाने के लिए इन पेड़ों को काट दिया जाएगा। लोग इन पेड़ों को बचाने के लिए चिपको आंदोलन जैसा विरोध प्रदर्शन शुरू करने पर भी विचार कर रहे हैं। हालांकि, मध्य प्रदेश सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को कहा कि ऐसी किसी भी योजना को अंतिम रूप नहीं दिया गया है।

पिछले दस दिनों से नागरिक, छात्र और पर्यावरण कार्यकर्ता मध्य प्रदेश के गृह निर्माण मंडल द्वारा शहर के सबसे हरे-भरे इलाकों शिवाजी नगर और तुलसी नगर में पेड़ों को काटकर विधायकों और नौकरशाहों के लिए बंगले बनाने की योजना के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। महिलाओं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक विधायक सहित उनमें से कई लोगों ने शुक्रवार को पेड़ों की पूजा की और उन्हें बचाने की शपथ ली।


मध्य प्रदेश आवास एवं शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने कहा कि पेड़ों को तत्काल कुछ नहीं होगा। उत्तराखंड (तब उत्तर प्रदेश का हिस्सा) में 1970 के दशक में शुरू किया गया चिपको आंदोलन एक ऐसा आंदोलन था जिसमें लोग पेड़ों के तने से चिपककर उन्हें लकड़हारों द्वारा काटे जाने से रोकते थे। डॉ पांडे ने कहा कि ऐसे संकेत हैं कि (आवास) परियोजना के लिए 27,000 से अधिक पेड़ काटे जाने वाले हैं, जिनमें से सत्तर प्रतिशत विरासत के पेड़ हैं।

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