खालिस्तान समर्थकों को अवैध हथियारों की आपूर्ति करने वाला आरोपी चोरी की वारदातों में गिरफ्तार

इंदौरः खालिस्तान समर्थकों को अवैध हथियारों की आपूर्ति के आरोपी 35 वर्षीय बदमाश और उसके गिरोह के चार साथियों को इंदौर में चोरी की सिलसिलेवार वारदातों को अंजाम देने के आरोप में धर दबोचा गया है। मध्य प्रदेश पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अभिनय विश्वकर्मा ने बताया.

इंदौरः खालिस्तान समर्थकों को अवैध हथियारों की आपूर्ति के आरोपी 35 वर्षीय बदमाश और उसके गिरोह के चार साथियों को इंदौर में चोरी की सिलसिलेवार वारदातों को अंजाम देने के आरोप में धर दबोचा गया है। मध्य प्रदेश पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अभिनय विश्वकर्मा ने बताया कि इंदौर के अलग-अलग इलाकों में चोरी की सिलसिलेवार वारदातों को लेकर सरगना राजेंद्र सिंह बरनवाला (35) और उसके गिरोह के चार साथियों- बादल, राजेश, सिद्धांत और बलवंत सिंह को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया, ‘‘बरनवाला को दिल्ली पुलिस ने वर्ष 2021 में 18 अवैध पिस्तौलों के साथ गिरफ्तार किया था। तब उस पर आरोप था कि वह खालिस्तान समर्थकों को अवैध हथियारों की आपूर्ति करता है।’’ विश्वकर्मा के मुताबिक अवैध पिस्तौलों को लेकर दिल्ली में दर्ज मामले में बरनवाला करीब दो महीने जेल में रहा था और फिलहाल जमानत पर बाहर था।

अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ने बताया, ‘‘बरनवाला और उसके साथियों ने इंदौर में एक अगस्त से 20 अगस्त के बीच अलग-अलग इलाकों में घूम-घूमकर 15 सूने घरों में सेंध लगाकर चोरी का प्रयास किया। वे इनमें से तीन घरों में घुसने में कामयाब रहे जहां उन्होंने सोने-चांदी के सिक्कों और नकदी पर हाथ साफ कर दिया।’’ उन्होंने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस से कहा कि उन्होंने सोने-चांदी के चुराए गए सिक्के एक सुनार को बेच दिए थे और उनके इस दावे की तसदीक की जा रही है।

विश्वकर्मा ने कहा कि बरनवाला और उसके साथी ताला-चाबी बनाने की आड़ में अवैध पिस्तौल बनाकर देश भर में इनकी आपूर्ति का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि जांच में पता चला है कि बरनवाला का गिरोह उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के कुछ कुख्यात गिरोहों को भी अवैध हथियारों की आपूर्ति कर चुका है। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ जारी है और इनसे मिले सुरागों के आधार पर अवैध हथियारों की खरीद-फरोख्त के बड़े नेटवर्क के खुलासे की उम्मीद है।

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