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कृषि मंत्री चौहान ने किसानों और किसान संगठनों से की चर्चा, उठाए महत्वपूर्ण मुद्दे और समाधान के दिए निर्देश

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में किसानों और किसान संगठनों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें विभिन्न कृषि मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। किसानों और संगठनों ने मंत्री जी द्वारा संवाद की पहल का स्वागत करते हुए उन्हें आभार व्यक्त किया। उन्होंने कृषि क्षेत्र से जुड़े कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए, जिनका मुख्य उद्देश्य किसानों के हितों को प्राथमिकता देना था।

बैठक में किसानों ने मांग की कि सभी फसलों के उचित दाम सुनिश्चित किए जाएं, ताकि उन्हें उनके उत्पादों का सही मूल्य मिल सके। इसके साथ ही, फल-सब्जी, दूध, शहद जैसे उत्पादों के लिए भी उचित मूल्य निर्धारण का अनुरोध किया गया। किसानों ने यह भी सुझाव दिया कि प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर फसल बीमा योजना को और प्रभावी बनाया जाए, विशेष रूप से छोटे किसानों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए।

किसान संगठनों ने जलवायु परिवर्तन से कृषि को बचाने के लिए व्यापक कार्ययोजना की मांग की, जिससे कृषि क्षेत्र पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को रोका जा सके। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि किसानों को सस्ते और प्रमाणिक बीज उपलब्ध कराए जाएं और किसान सम्मान निधि योजना में आवश्यक संशोधन किए जाएं। आवारा पशुओं से फसलों की सुरक्षा और कृषि उत्पादों के निर्यात में कोई बाधा न आए, इस पर भी ध्यान देने की अपील की गई।

बैठक के दौरान, चौहान ने किसानों को आश्वासन दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार लगातार कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए काम कर रही है। उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में कई योजनाएं लागू की गई हैं और हाल ही में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में 7 बड़ी योजनाओं को मंजूरी दी गई है। इन योजनाओं पर केंद्र सरकार 15,000 करोड़ रुपए खर्च करेगी, जिसमें से 2,817 करोड़ रुपए डिजिटल कृषि मिशन के लिए आवंटित किए गए हैं।

मंत्री जी ने किसानों को बताया कि सरकार कृषि उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने पर लगातार काम कर रही है। कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्याज और बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने दलहन में आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम उठाने का भी आश्वासन दिया, जिसमें तुअर, उड़द और मसूर की एक-एक दाना खरीदने की योजना शामिल है।

चौहान ने हाल ही में लिए गए ऐतिहासिक निर्णयों की भी जानकारी दी, जिसमें कच्चे तेल और रिफाइंड तेल पर आयात शुल्क में वृद्धि का उल्लेख किया। इसके साथ ही, PM अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-आशा) को 35 हजार करोड़ रुपए के साथ जारी रखने का निर्णय लिया गया है।

बैठक के अंत में, मंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों से प्राप्त सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जाए और उनके हितों को ध्यान में रखते हुए योजनाओं की पूरी योजना बनाई जाए। उन्होंने कहा कि किसानों के उत्थान के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी और पूरी ईमानदारी के साथ उनके भले के लिए काम करती रहेगी।

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