विज्ञापन

सेना ने तेज गश्त करने वाली नौकाओं, निगरानी उपकरणों की खरीद के लिए प्रक्रिया शुरू की

नई दिल्लीः सेना ने अपनी लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने के प्रयासों के तहत सीमावर्ती इलाकों में तैनाती के लिए तेज गश्त करने वाली छह नौकाओं, आठ ‘लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट’ (एलएसीए) पोत और 118 समन्वित निगरानी एवं लक्ष्य प्रणालियां खरीदने की प्रक्रिया शुरू की है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। तेज गश्त नौकाएं पूर्वी.

नई दिल्लीः सेना ने अपनी लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने के प्रयासों के तहत सीमावर्ती इलाकों में तैनाती के लिए तेज गश्त करने वाली छह नौकाओं, आठ ‘लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट’ (एलएसीए) पोत और 118 समन्वित निगरानी एवं लक्ष्य प्रणालियां खरीदने की प्रक्रिया शुरू की है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। तेज गश्त नौकाएं पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील सहित बड़े जलाशयों में मुख्य रूप से निगरानी के लिए खरीदी जा रही हैं।

पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कुछ खास स्थानों पर भारतीय और चीनी सेनाएं तीन साल से अधिक समय से तैनात हैं, जबकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक एवं सैन्य वार्ताओं के बाद कई इलाकों से अपने-अपने सैनिकों को पूरी तरह से पीछे हटा लिया है। अधिकारियों ने बताया कि सेना तेज गश्त करने वाली नौकाओं, एलसीए और समन्वित निगरानी एवं लक्ष्य प्रणालियों के लिए सूचना अनुरोध (आरएफआई) या शुरुआती निविदा पहले ही जारी कर चुकी है।

तेज गश्त नौकाओं के लिए शुरूआती निविदा में कहा गया है कि पोत ‘‘मजबूत और बहुउद्देश्यीय होना चाहिए, ताकि छोटे दल को पहुंचाने, निगरानी करने, टोह लेने और गश्त की गतिविधियां सुगमता से की जा सकें तथा वे विभिन्न परिस्थितियों में संचालित किये जाने योग्य हों।’’

इसमें कहा गया है कि स्वदेश विकसित नौकाओं में आठ व्यक्तियों के सवार होने पर, नौकाओं की अधिकतम गति 29 नॉट होनी चाहिए। वहीं, एलसीए की लंबाई 13-14 मीटर होनी चाहिए और इसकी अधिकतम गति 20 नॉट से कम नहीं हो। एलसीए का उपयोग आमतौर सैनिकों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने में किया जाता है। एक नॉट 1.85 किलोमीटर के बराबर होता है। तेज गश्त करने वाली नौकाओं के लिए शुरूआती निविदा पर जवाब देने के लिए अंतिम तारीख 28 नवंबर है।

Latest News