Article 370 : जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने बुधवार को प्रदेश का विशेष दर्जा बहाल करने को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया। केंद्र शासित प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर सिंह चौधरी ने बुधवार को विधानसभा में जम्मू-कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्जा बहाली का प्रस्ताव पेश किया और स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री सकीना इटू ने प्रस्ताव का समर्थन किया।
प्रस्ताव के सदन में पेश होते ही, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों ने विरोध करते हुए कहा कि यह आज सदन के कामकाज में शामिल नहीं है। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
उल्लेखनीय है कि पांच साल पहले भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त और जम्मू- कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था। इस कदम को कानूनी रूप से चुनौती दी गई थी और पिछले साल दिसंबर में उच्चतम न्यायालय ने अनुच्छेद 370 को ‘अस्थायी’ प्रावधान मानते हुए निरस्तीकरण को बरकरार रखा।
प्रस्ताव के मुताबिक विधानसभा प्रदेश के विशेष दर्जे और संवैधानिक गारंटी के महत्व की पुष्टि करती है, जो जम्मू- कश्मीर के लोगों की पहचान, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा करती है और उनके एकतरफा हटाने पर चिंता व्यक्त करती है।
यह विधानसभा भारत सरकार से विशेष दर्जा, संवैधानिक गारंटी की बहाली के लिए जम्मू- कश्मीर के लोगों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ बातचीत शुरू करने और इन प्रावधानों को बहाल करने के लिए संवैधानिक तंत्र तैयार करने का आह्वान करती है। यह विधानसभा इस बात पर जोर देती है कि विशेष दर्जा की बहाली की किसी भी प्रक्रिया में राष्ट्रीय एकता और जम्मू- कश्मीर के लोगों की वैध आकांक्षाओं दोनों की रक्षा करनी चाहिए।