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दही-चूड़ा भोज के बाद रफ्तार पकड़ेगी बिहार की सियासत!

Bihar Election : बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि इसकी रफ्तार अभी धीमी है। माना जा रहा है कि खरमास समाप्त होने के बाद 14 जनवरी को दही-चूड़ा भोज के बाद बिहार की सियासत की सुस्त चाल.

Bihar Election : बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि इसकी रफ्तार अभी धीमी है। माना जा रहा है कि खरमास समाप्त होने के बाद 14 जनवरी को दही-चूड़ा भोज के बाद बिहार की सियासत की सुस्त चाल रफ्तार पकड़ेगी।

बिहार की राजनीतिक फिजाओं में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी चर्चा चल रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि 14 जनवरी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। इस विस्तार में भाजपा के चार नए चेहरे शामिल होने की संभावना है। इसके साथ ही वर्तमान में भाजपा के जिन मंत्रियों के पास कई विभाग हैं, उनके विभागों का पुनःवितरण किया जाएगा। ये विभाग कैबिनेट में शामिल होने वाले नए मंत्रियों के बीच बांटे जाएंगे।

नीतीश कुमार के कैबिनेट में फिलहाल दो उपमुख्यमंत्री हैं और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा से संतोष कुमार सुमन और निर्दलीय सुमित कुमार सिंह भी मंत्रिमंडल में शामिल हैं। फिलहाल भाजपा कोटे से 15 मंत्री मंत्रिमंडल में हैं। ऐसे में चर्चा है कि भाजपा से और चार लोगों को मंत्री बनाया जा सकता है। कहा जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार के समय जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को भी साधने की कोशिश की जाएगी।

इधर, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी मकर संक्रांति को लेकर 15 जनवरी को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस के द्वारा पटना के राज्य कार्यालय विधायक कॉलोनी में दही चूड़ा भोज का आयोजन किया गया है। राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने कहा कि पार्टी के संस्थापक दिवंगत रामविलास पासवान के द्वारा पटना में दही चूड़ा का भोज दिया जाता था।

इस भोज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू यादव को भी शामिल होने का आमंत्रण भेजा जा रहा है। माना जा रहा है कि इस भोज के जरिए राष्ट्रीय लोजपा आगे की राजनीति का निर्णय ले सकती है।

इस बीच, 15 जनवरी से एनडीए द्वारा कार्यकर्ता सम्मेलन का भी आयोजन किया जा रहा है। इस सम्मेलन का उद्देश्य एनडीए गठबंधन को सबसे निचली इकाई तक मजबूती प्रदान करना है। माना जा रहा है कि 15 जनवरी से मिशन 2025 का शंखनाद होगा। इस सम्मेलन के जरिए एनडीए अपनी एकता का परिचय देगा।

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