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क्यों टूटा भाजपा और शिवसेना का गठबंधन? CM फडणवीस ने कर दिया खुलासा

BJP and Shiv Sena Alliance : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक बड़ा खुलासा करते हुए 2014 में शिवसेना और भाजपा के बीच हुए नाटकीय विवाद की अंदरूनी कहानी साझा की। सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर के अभिनंदन समारोह में फडणवीस ने पहली बार गठबंधन टूटने के कारणों के बारे में खुलकर बात.

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BJP and Shiv Sena Alliance : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक बड़ा खुलासा करते हुए 2014 में शिवसेना और भाजपा के बीच हुए नाटकीय विवाद की अंदरूनी कहानी साझा की। सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर के अभिनंदन समारोह में फडणवीस ने पहली बार गठबंधन टूटने के कारणों के बारे में खुलकर बात की।फडणवीस ने कहा: ‘हम शिवसेना को 147 सीटें देने के लिए तैयार थे, और यह तय हुआ था कि मुख्यमंत्री हमारी तरफ से होगा, जबकि उपमुख्यमंत्री शिवसेना से होगा।‘

ऐसा मतभेद जिसे सुलझाया नहीं जा सका-
उन्होंने आगे दावा किया कि शुरुआती चर्चाओं में आपसी समझ का संकेत मिला, लेकिन सीट आवंटन पर समझौता करने से शिवसेना के इनकार के कारण गठबंधन टूट गया। फडणवीस ने बताया, ‘लेकिन उद्धव ठाकरे 151 सीटों पर अड़े रहे और यही वह समय था जब गठबंधन टूट गया।‘ उनके अनुसार, भाजपा ने सीट बंटवारे का एक फॉर्मूला प्रस्तावित किया था, जिसके तहत शिवसेना 147 सीटों पर लड़ेगी और भाजपा 127 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हालांकि, उद्धव ठाकरे 151 सीटों की मांग पर अड़े रहे, जिससे दोनों दलों के बीच एक ऐसा मतभेद पैदा हो गया, जिसे सुलझाया नहीं जा सकता।

“और जगह देने को थे तैयार”
फडणवीस ने आगे कहा ‘हम शिवसेना के नेतृत्व के साथ बातचीत कर रहे थे और हम उन्हें और जगह देने के लिए भी तैयार थे। लेकिन उद्धव ने अपने दिमाग में 151 की संख्या तय कर ली थी।‘ देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘मैं पार्टी अध्यक्ष था। उन्होंने (ओमप्रकाश माथुर) कहा कि हम मिलकर सरकार लाएंगे और यह वो समय था जब हमारे प्रिय मित्र उस समय की तत्कालीन शिवसेना के साथ हमारी बातचीत चल रही थी।‘

“PM और ग्रहमंत्री ने तय किया फार्मूला”
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, ‘उन्होंने ओम प्रकाश माथुर के महत्वपूर्ण हस्तक्षेप के बारे में विस्तार से बताया, जिन्होंने भाजपा नेता अमित शाह से बात की, जिन्होंने फिर इस मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाया। ‘गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री से बात की, और यह तय हुआ कि अगर भाजपा के लिए 127 और शिवसेना के लिए 147 का फॉर्मूला होगा, तभी गठबंधन जारी रहेगा। अन्यथा, गठबंधन काम नहीं करेगा।’

शिवसेना को दिया अल्टीमेटम-
इसके बाद मुख्यमंत्री ने उस महत्वपूर्ण क्षण का खुलासा किया, जिसके कारण अंतिम रूप से गठबंधन टूट गया। उन्होंने कहा: ‘मुझे अमित शाह और ओम प्रकाश माथुर पर भरोसा था। हमें विश्वास था कि हम जीत सकते हैं, लेकिन पार्टी के बाकी लोग उतने आशावादी नहीं थे।‘ अंतत: माथुर और अमित शाह के समर्थन से फडणवीस ने शिवसेना को अल्टीमेटम दिया, जिसमें शिवसेना के लिए 147 और भाजपा के लिए 127 के प्रस्तावित फॉर्मूले पर शिवसेना के साथ चुनाव लड़ने की पेशकश की गई।.

उद्धव ठाकरे की हठ के कारण टूटा गठबंधन-
फडणवीस ने याद करते हुए कहा, ‘हमने उनसे कहा कि अगर आप 147 सीटों पर लड़ने के लिए तैयार हैं, तो हम आपके साथ खड़े होंगे और हम 127 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। दोनों पार्टियों को बेहतरीन नतीजे मिलेंगे और दोनों 200 से ज़्यादा सीटें जीतेंगे।‘ हालांकि, उद्धव ठाकरे ने 151 सीटों पर अड़े रहने के कारण प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। फडणवीस के अनुसार, इस हठ के कारण गठबंधन टूट गया।

भाजपा ने रिकॉर्ड संख्या में निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ा-
फडणवीस ने कहा, ‘लेकिन ऐसा लगता है कि नियति के नियम में कुछ और ही लिखा था – मुझे मुख्यमंत्री बनना था।‘ फडणवीस ने चुनाव रणनीति के बारे में भी जानकारी साझा की। सीट बंटवारे की बातचीत में असफलता के बावजूद, उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि कैसे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने रिकॉर्ड संख्या में निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ा।

यह फैसला महाराष्ट्र में भाजपा की सफलता की नींव-
उन्होंने कहा, ‘हमने 260 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ा था, जो अभूतपूर्व था। इससे पहले, हमने कभी 117 से ज़्यादा सीटों पर चुनाव नहीं लड़ा था।‘ फडणवीस के अनुसार, 260 सीटों पर लड़ने के इस साहसिक निर्णय ने महाराष्ट्र में भाजपा की सफलता की नींव रखी। फडणवीस के मुताबिक, ‘तब से, भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनी हुई है और पिछले 30 वर्षों में 100 सीटों का आंकड़ा पार करने वाली एकमात्र पार्टी है। इस सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और ओम प्रकाश माथुर को जाता है।‘ यह खुलासा उन नाटकीय राजनीतिक घटनाओं पर नई रोशनी डालता है, जिसके कारण भाजपा-शिवसेना गठबंधन टूट गया और महाराष्ट्र की राजनीति पूरी तरह बदल गई।

 

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