Bulletproof Jackets: डीआरडीओ-आईआईटी ने तैयार की हल्की वं अभेद्य बुलेटप्रूफ जैकेट

नई दिल्ली: डीआरडीओ ने आईआईटी-दिल्ली के साथ मिलकर हल्की बुलेटप्रूफ जैकेट विकसित की है जो उच्चतम खतरे के स्तर से निपटने में सक्षम है और जिसके आगे और पीछे के कवच 360 डिग्री सुरक्षा प्रदान करते हैं। रक्षा मंत्रलय ने बुधवार को यह जानकारी दी। इसमें कहा गया कि चयन-मानदंड के आधार पर, कुछ भारतीय.

नई दिल्ली: डीआरडीओ ने आईआईटी-दिल्ली के साथ मिलकर हल्की बुलेटप्रूफ जैकेट विकसित की है जो उच्चतम खतरे के स्तर से निपटने में सक्षम है और जिसके आगे और पीछे के कवच 360 डिग्री सुरक्षा प्रदान करते हैं। रक्षा मंत्रलय ने बुधवार को यह जानकारी दी। इसमें कहा गया कि चयन-मानदंड के आधार पर, कुछ भारतीय उद्योगों को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और सहायता के लिए चुना गया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-दिल्ली के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर ‘अभेद्य’ नाम से ये हल्की बुलेटप्रूफ जैकेट विकसित की गई हैं। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ये जैकेट आईआईटी, दिल्ली में स्थित डीआरडीओ उद्योग अकादमिक उत्कृष्टता केंद्र (डीआईए-सीओई) में तैयार की गई हैं। केंद्र तीन उद्योगों को प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करने के लिए तैयार है।

मंत्रलय ने कहा, ‘विभिन्न बीआईएस स्तरों के लिए 8.2 किलोग्राम और 9.5 किलोग्राम के न्यूनतम संभावित वजन के साथ सामने और पीछे के कवच वाली ये मॉड्यूलर-डिजाइन जैकेट 360 डिग्री सुरक्षा प्रदान करती हैं।’ ये जैकेट पॉलिमर और स्वदेशी बोरॉन कार्बाइड सिरेमिक सामग्री से बनाई गई हैं। उसने कहा, ‘जैकेट की कवच प्लेट प्रोटोकॉल के अनुसार सभी आवशय़क अनुसंधान एवं विकास परीक्षणों पर खरी उतरी हैं। ये जैकेट सर्वाधिक खतरे को झेलने में सक्षम हैं, और भारतीय सेना की संबंधित जनरल स्टाफ गुणात्मक आवशय़कता में निíदष्ट अधिकतम वजन सीमा से हल्की हैं।’ इस उपलब्धि पर डीआईए-सीओई को बधाई देते हुए रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डा. समीर वी. कामत ने कहा कि हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट ‘डीआरडीओ, अकादमिक जगत और उद्योग जगत की ओर से सफल रक्षा आरएंडडी के प्रभावकारी इकोसिस्टम की उत्कृष्ट मिसाल है’।

 

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