चंडीगढ़ः किसान विरोध प्रदर्शन का आज पांचवां दिन है। किसान अभी भी शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने केन्द्र सरकार से शनिवार को मांग की कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी गारंटी देने के लिए अध्यादेश लाए। किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा की सीमा पर शंभू तथा खनौरी में डटे हुए हैं और एमएसपी की कानूनी गारंटी दिया जाना उनकी मुख्य मांग है।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब किसान नेता और केन्द्रीय मंत्रियों के बीच कल रविवार को चौथे दौर की वार्ता होनी है। पंढेर ने शंभू सीमा पर संवाददाताओं से कहा, कि अगर केन्द्र सरकार चाहे तो वह रातों रात अध्यादेश ला सकती है। अगर सरकार किसानों के आंदोलन का कोई समाधान चाहती है तो उसे यह अध्यादेश लाना चाहिए कि वह एमएसपी पर कानून लागू करेगी, तब बातचीत आगे बढ़ सकती है।’’ जहां तक तौर तरीकों की बात है तो कोई भी अध्यादेश छह माह तक वैध होता है।
कृषि ऋण माफी के मुद्दे पर पंढेर ने कहा कि सरकार कह रही है कि ऋण राशि का आकलन करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार इस संबंध में बैंकों से आंकड़े एकत्र कर सकती है। यह इच्छाशक्ति की बात है।’’ केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसान संघों की विभिन्न मांगों पर जारी बातचीत में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच बृहस्पतिवार रात करीब 8:45 बजे बैठक शुरू हुई और पांच घंटे तक जारी रही लेकिन इसमें दोनों पक्षों के बीच कोई सहमति नहीं बनी। दोनों पक्षों के बीच अब चौथे दौर की वार्ता 18 फरवरी को होगी। इससे पहले आठ और 12 फरवरी को बातचीत हुई थी जो बेनतीजा रही।
एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कृषकों के कल्याण के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन तथा कर्ज माफी, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं।