Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

Excise Policy: आज ED के सामने पेश होंगे CM केजरीवाल, दिल्ली में सुरक्षा कड़ी…AAP ने किया यह बड़ा दावा

नेशनल डेस्क: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज एक्साइज पॉलिसी मामले (Excise Policy Matters) में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश होंगे। केजरीवाल के ED के समक्ष पेश होने को लेकर AAP कार्यकर्त्ता विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं इसके चलते सीएम दफ्तर से लेकर ED के कार्यालय तक सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की गई है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है।

वहीं आम आदमी पार्टी (AAP ) हर स्थिति के लिए खुद को तैयार करने की कोशिश कर रही है। हालांकि, यह साझा नहीं किया गया है कि केजरीवाल के गिरफ्तार होने की स्थिति में पार्टी का नेतृत्व कौन करेगा।

 

दिल्ली में सुरक्षा कड़ी

दिल्ली पुलिस अलर्ट मोड पर है। पुलिस जगह-जगह बैरिकेट लगाकर वाहनों की चेकिंग कर रही है। ED हेडक्वॉर्टर के आस-पास भी पुलिस का भारी बंदोबस्त रहेगा।

 

अगला नंबर हेमंत सोरेन का- राघव चड्ढा

इससे पहले बुधवार को आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने यहां पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने 2024 के लोकसभा चुनाव जीतने के लिए सभी विपक्षी मुख्यमंत्रियों को जेल में डालने की योजना बनाई है। चड्ढा ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियां पहले केजरीवाल को गिरफ्तार करेंगी और फिर झारखंड में हेमंत सोरेन, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और तमिलनाडु में एम.के. स्टालिन सहित अन्य मुख्यमंत्रियों को भी सलाखों के पीछे भेजा जा सकता है।

केजरीवाल हो सकते हैं गिरफ्तार-AAP

चड्ढा के अलावा, दिल्ली के मंत्रियों आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि भाजपा की केजरीवाल को गिरफ्तार करने की योजना है, क्योंकि उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ बोला है और मोदी को ‘चौथी पास राजा’ कहा है। इस बीच AAP के कई नेताओं का मानना है कि अगर केजरीवाल गिरफ्तार होते हैं, तो पार्टी ने अभी यह नहीं सोचा है कि उनकी जगह नेतृत्व कौन करेगा। पार्टी के एक नेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा कि उनकी गिरफ्तारी की स्थिति में पार्टी के वरिष्ठ नेता नेतृत्व की भूमिका पर फैसला करेंगे। मनीष सिसोदिया, सत्येन्द्र जैन और संजय सिंह इस मामले में पहले जेल जेल में हैं।

क्या है पूरा मामला?

22 मार्च 2021 को मनीष सिसोदिया ने नई शराब नीति का ऐलान किया था। 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानि एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई। नई शराब नीति आने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई और शराब की पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गईं। नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी. नई नीति से रेवेन्यू में 1500-2000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई थी।

 

हालांकि, नई नीति शुरू से ही विवादों में रही, जब बवाल ज्यादा बढ़ गया, तब 28 जुलाई 2022 को सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी लागू कर दी। इस पॉलिसी में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आया जिसमें AAP के कई नेताओं के शामिल होने की बात कही गई।

Exit mobile version