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सिख गुरुओं के योगदान को वर्षों तक नहीं चुकाया जा सकेगा : Amit Shah

नयी दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सिख समुदाय की सराहना करते हुए कहा है कि देश के लिए सिख गुरुओं के योगदान को वर्षों तक चुकाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा , “ चाहे भारत का स्वतंत्रता संग्राम हो, मुगलों के खिलाफ लड़ाई हो या अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई, विभाजन हो या देश.

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नयी दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सिख समुदाय की सराहना करते हुए कहा है कि देश के लिए सिख गुरुओं के योगदान को वर्षों तक चुकाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा , “ चाहे भारत का स्वतंत्रता संग्राम हो, मुगलों के खिलाफ लड़ाई हो या अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई, विभाजन हो या देश के लिए बलिदान, सिख समुदाय हमेशा नंबर एक पर रहा है। ” शाह शुक्रवार को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) द्वारा दिल्ली में आयोजित अभिनंदन कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया गुरु नानक देव द्वारा उस समय दी गई शिक्षाओं का पालन कर रही है, जब सभी धर्म अपने-अपने संप्रदाय के लिए लड़ रहे थे। उन्होंने धर्म और कर्म दोनों को समान रूप से लेकर आगे बढ़ने के लिए सिख समुदाय की सराहना की।

डीएसजीएमसी की विज्ञप्ति के अनुसार केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सीएए के तहत, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन सिख भाइयों को नागरिकता दी जो अफगानिस्तान, बंगलादेश या पाकिस्तान से यहां आना चाहते थे। इस पंथ ने देश, समाज और मानवता के लिए बहुत कुछ किया है। इस देश के लिए सिख गुरुओं के योगदान काे हजारों वर्षों तक चुकाया नहीं किया जा सकता।

शाह ने कहा कि दुनिया भर में यह एकमात्र सिख समुदाय है, जिसके गुरु नानक देव जी से लेकर गुरु गोबिंद सिंह तक ने हमेशा सामाजिक अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई और बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने विश्व इतिहास का अध्ययन किया है और सिख गुरु साहिबान के बलिदान की दुनिया में कोई तुलना नहीं है। उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह ने अपने चारों पुत्रों का बलिदान दे दिया और फिर भी कहा कि ‘चार मुए तो क्या हुआ जीवित कई हजार’, यानी चार पुत्र मर गए, तो क्या हुआ, हजारों तो अभी भी जीवित हैं। उन्होंने कहा कि केवल गुरु गोबिंद सिंह ही ऐसा कर सकते हैं, क्योंकि वह पूरी मानवता को अपना परिवार मानते थे।

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