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न्यायालय ने तेजस्वी के खिलाफ मानहानि की शिकायत खारिज की

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने उस कथित टिप्पणी को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ दायर मानहानि की शिकायत खारिज कर दी जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘‘केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं।’’ न्यायमूर्ति ए एस ओका और न्यायमूर्ति उज्‍जवल भुइयां की पीठ ने इस बात पर गौर करने के बाद यादव को राहत दी कि उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया है। पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता द्वारा अपना बयान वापस लिए जाने के मद्देनजर हमने मामले को रद्द कर दिया है। तदनुसार मामले का निपटारा कर दिया गया है।’’ न्यायालय ने अहमदाबाद की एक अदालत में लंबित आपराधिक मानहानि के मामले को राज्य के बाहर किसी दूसरी जगह स्थानांतरित करने की तेजस्वी यादव की याचिका पर पांच फरवरी को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

न्यायालय ने 29 जनवरी को यादव को उनकी यह कथित टिप्पणी वापस लेते हुए ‘‘एक उपयुक्त बयान’’ दाखिल करने का निर्देश दिया था। तेजस्वी ने अपनी कथित टिप्पणी ‘‘केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं’’ को वापस लेते हुए शीर्ष न्यायालय में 19 जनवरी को एक हलफनामा दाखिल किया था। इससे पहले शीर्ष अदालत ने राजद नेता की याचिका पर सुनवाई करते हुए आपराधिक मानहानि शिकायत में कार्यवाही पर रोक लगा दी थी और इसे अहमदाबाद की अदालत में दायर करने वाले गुजरात के निवासी को नोटिस जारी किया था।

गुजरात की अदालत ने अगस्त में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 202 के तहत यादव के खिलाफ प्रारंभिक जांच की थी और एक स्थानीय व्यवसायी एवं कार्यकर्ता हरेश मेहता द्वारा दायर शिकायत पर उन्हें समन जारी करने के लिए पर्याप्त आधार पाया था।
शिकायत के अनुसार, तेजस्वी ने मार्च 2023 में पटना में मीडिया से कहा था, ‘‘वर्तमान स्थिति में केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं और उनकी धोखाधड़ी माफ कर दी जाएगी।’’ मेहता ने दावा किया था कि तेजस्वी की टिप्पणियों ने सभी गुजरातियों को बदनाम किया है।

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