नेशनल डेस्क: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पिछले आठ महीने से जेल में हैं। दिल्ली की विवादित आबकारी नीति से संबंधित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग में मनीष सिसोदिया की दो अलग-अलग नियमित जमानत याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को अपना फैसला सुनाएगा।
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एस. वी. एन भट्टी की पीठ इस संबंध में फैसला सुनाएगी। पीठ ने दोनों याचिकाओं पर 17 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछली सुनवाई में प्रवर्तन निदेशालय (ED) से कहा था कि अगर दिल्ली आबकारी नीति में बदलाव के लिए कथित तौर पर दी गई रिश्वत ‘‘अपराध से आय’’ का हिस्सा नहीं है, तो संघीय एजेंसी के लिए सिसोदिया के खिलाफ धनशोधन का आरोप साबित करना कठिन होगा।
सिसोदिया को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति बनाने और उसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के लिए मनी लॉन्ड्रिंग तथा भ्रष्टाचार के आरोप में 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था। वह फरवरी से जेल में बंद हैं। सिसोदिया ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दर्ज मामलों में पहले विशेष अदालत और फिर दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से जमानत याचिका ठुकराए जाने के बाद शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।