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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114नयी दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज कहा कि जलवायु परिवर्तन और ग्लाेबल वार्मिंग के बढते खतरों को देखते हुए टिकाऊ जेट ईंधन का विकास अर्थव्यवस्था को कार्बन मुक्त करने के लिए बहुत जरूरी है। राष्ट्रपति ने एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया की 75वीं वर्षगांठ पर शनिवार को यहां आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सह प्रदर्शनी में यह बात कही। सम्मेलन के विषय ‘2047 में एयरोस्पेस और विमानन’ पर अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि एयरो-प्रोपल्शन का डीकार्बोनाइजेशन एक कठिन कार्य है जिसे करना होगा क्योंकि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग मनुष्यों के अस्तित्व को खतरे में डाल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि टिकाऊ जेट ईंधन का विकास अर्थव्यवस्था को कार्बन मुक्त करने के लिए बहुत जरूरी कदमों में से एक है, लेकिन इसे हासिल करना सबसे कठिन है क्योंकि पारंपरिक ईंधन बहुत अधिक घनत्व वाले होते हैं। उन्होंने कहा ,“ गैर-जीवाश्म टिकाऊ संसाधनों को ढूंढना जो इन पारंपरिक ईंधनों की जगह ले सकें हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए क्योंकि हम जलवायु परिवर्तन के चरम बिंदु पर पहुंच रहे हैं। अपने कार्बन पदचिह्न को कम करने के लिए हमें बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक, हाइड्रोजन और हाइब्रिड जैसी नई प्रणोदन प्रौद्योगिकियों को तेजी से अपनाने की आवश्यकता है।” उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह सम्मेलन कई चुनौतियों का मूल्यवान समाधान प्रदान करेगा।
श्रीमती मुर्मु ने कहा कि 1948 में अपनी साधारण शुरुआत से लेकर आज तक, एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया ने यह सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास किया है कि न केवल ज्ञान-प्रणाली के रूप में वैमानिकी तेजी से बढ़े, बल्कि यह लोगों के जीवन को भी प्रभावित करे। उन्होंने वैमानिकी विज्ञान और विमान इंजीनियरिंग के ज्ञान की उन्नति और प्रसार में सोसायटी के उत्कृष्ट योगदान की सराहना की।