बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) ने रविवार को मथुरा में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि अभी हमारा उद्देश्य केवल इतना है कि भारत हर हाल में हिंदू राष्ट्र घोषित हो जाए। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि भारत के अंदर हिंदू सनातन के खिलाफ जितने भी बुरी मानसिकता वाले लोग हैं, वे स्वाभाविक रूप से लाइन में लग जाएं। इसलिए हम लगातार हिंदू राष्ट्र का संकल्प लेकर अनवरत चल रहे हैं। ब्रज से जल्दी ही एक पदयात्रा करके भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए और ब्रज क्षेत्र को मांस-मदिरा से मुक्त करने के लिए हम एक वैचारिक क्रांति यहां से पदयात्रा के द्वारा शुरू करेंगे। यात्रा की शुरुआत इस साल के अंत तक हो जाएगी और तय समय जल्दी आ जाएगा।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में ब्राह्मणों पर हुई गोलीबारी की घटना को लेकर बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, यह बेहद निंदनीय कृत्य है। हम सरकार और मुख्यमंत्री से आग्रह करते हैं कि इस पर गंभीरता से कार्रवाई की जाए और उचित कदम उठाए जाएं।
वहीं, औरंगजेब को लेकर चल रहे विवाद पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि औरंगजेब कभी महान नहीं हो सकता। देश को तोड़ने वाला कभी महान नहीं हो सकता। देश को जोड़ने वाला महान होता है।
बता दें कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री छह मार्च को बिहार के गोपालगंज पहुंचे थे। रामनगर स्थित श्रीराम जानकी मठ में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि हम यहां अपने लिए नहीं, देश के हिंदुओं को जगाने आए हैं। हमारी कोई निजी लड़ाई नहीं है, हम इस दुनिया में रहने वाले 150 करोड़ हिंदुओं की लड़ाई लड़ रहे हैं। हमारे मन में पीड़ा चलती है, इसी के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं।
उन्होंने कहा था कि 65 से ज्यादा इस्लामिक देश हैं, 95 से ज्यादा ईसाई देश हैं। एक देश यहूदियों का है, एक देश बौद्धों का है। किसी भी देश से मुसलमानों को निकाला जाएगा तो 65 से ज्यादा देश बांह फैलाकर उनका स्वागत करेंगे। किसी भी देश से ईसाइयों को निकाला जाएगा तो 95 से अधिक देश दोनों हाथ फैलाकर उनका स्वागत करेंगे। किसी भी देश से यहूदियों को निकाला जाएगा तो इजरायल स्वागत करेगा। उन्होंने कहा था कि दुनिया में 150 करोड़ हिंदुओं को उन देशों से निकाला जाएगा तो हिंदू कहां जाएंगे? सबकी व्यवस्था है, लेकिन हमारे हिंदू भाइयों की व्यवस्था कहां है?