नेशनल डेस्क: दिवाली से पहले सरकार ने सभी महिला सैन्यर्किमयों को एक खास तोहफा दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी महिला सैन्यर्किमयों को समान रूप से मेटिलिटी लीव, चाइल्ड केयर और बच्चा गोद लेने (Maternity leave, child care and child adoption) पर अवकाश के प्रस्ताव को मंदूरी दे दी है।
जारी नियम में कहा गया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों में महिला सैनिकों, नाविकों और वायु योद्धाओं के लिए उनके अधिकारी समकक्षों के बराबर मातृत्व, बाल देखभाल और बाल गोद लेने की छुट्टियों के नियमों के विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। नियम जारी होने के साथ, सेना में सभी महिलाओं के लिए ऐसी छुट्टियों का अनुदान समान रूप से लागू होगा, चाहे वह अधिकारी हो या किसी अन्य रैंक की हों। बयान में कहा गया कि इस कदम से सेना में महिलाओं को अपने पेशेवर एवं पारिवारिक जीवन को बेहतर तरीके से संतुलित करने में मदद मिलेगी तथा इससे कामकाजी स्थिति में सुधार होगा।
अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले सिर्फ महिला अधिकारियों को हर बच्चे के लिए 180 दिन का मातृत्व अवकाश मिलता था। यह नियम अधिकतम दो बच्चों पर लागू होता है। उन्होंने बताया कि महिला अधिकारियों को संपूर्ण सेवा कार्यालय में 360 दिन का शिशु देखभाल अवकाश मिलता है। इसके लिए बच्चे की आयु 18 साल से कम होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि एक साल से कम उम्र के बच्चे को गोद लेने की वैध तिथि के बाद 180 दिनों की दत्तक ग्रहण छुट्टी दी जाती है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि तीनों सेनाओं ने ‘नारी शक्ति’ का उपयोग करने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप सैनिकों, नाविकों और वायु सैनिकों के रूप में महिलाओं को शामिल करके एक बड़े बदलाव की शुरुआत की है।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में तैनाती से लेकर युद्धपोतों पर तैनात होने के साथ-साथ आसमान में श्रेष्ठता दिखाने तक भारतीय महिलाएं अब सशस्त्र बलों में लगभग हर क्षेत्र में बाधाओं को पार कर रही हैं।’’ अधिकारियों ने कहा कि राजनाथ सिंह का हमेशा मानना है कि महिलाओं को पुरुषों के बराबर होना चाहिए और उनको भी ऊपर उठाना होगा।