सरकारी अनदेखी की वजह से डाक्टर्स हडताल को मजबूर: अनुराग ढांडा

रोहतक: आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने प्रदेश में चिकिसकों की हड़ताल की घोषणा पर खट्टर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार हर वर्ग को जानबूझकर हड़ताल के लिए परेशान करती है। खट्टर सरकार की ग़लत नीतियों के वजह से आज हर वर्ग सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं।.

रोहतक: आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने प्रदेश में चिकिसकों की हड़ताल की घोषणा पर खट्टर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार हर वर्ग को जानबूझकर हड़ताल के लिए परेशान करती है। खट्टर सरकार की ग़लत नीतियों के वजह से आज हर वर्ग सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं। कभी किसान मुआवजे की मांगों को लेकर सड़कों पर उतरते हैं तो कभी युवाओं नौकरियों की मांगों को लेकर, तो सरकारी कर्मचारी सरकार की नीतियों का विरोध करते हैं। कभी महिलाएं कानून व्यवस्था को लेकर विरोध करती है। लेकिन इसके बावजूद बीजेपी सरकार प्रदेश की जनता की तकलीफें समझ नहीं पा रही है।

उन्होंने कहा कि बुधवार को ओपीडी बंद होने के कारण लाखों मरीजों को इलाज के लिए परेशान होना पड़ेगा। सरकार जानबूझकर डॉक्टर्स को ओपीडी बंद रखने के लिए मजबूर कर रही है। एक जनप्रतिनिधि होने के नाते मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को बड़ा दिल दिखाकर डॉक्टर की बात सुननी चाहिए। ताकि प्रदेश की जनता को तकलीफ़ ना हो।

उन्होंने कहा पहले से ही प्रदेश का सबसे बड़े पीजीआई रोहतक और करनाल में 50 प्रतिशत से ज्यादा चिकित्सकों के पद खाली है। कहीं सरकारी अस्पतालों में दवाइयां नहीं है तो ऑप्रेशन करने सामान उपलब्ध नहीं है। तो कहीं डाक्टर और नर्स नहीं है। इसलिए जनता प्राइवेट अस्पतालों में महंगे खर्च पर इलाज करवाने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सरकारी डॉक्टरों ने एक बार फिर से बुधवार को ओपीडी को बंद करके हड़ताल करने का ऐलान किया है। खट्टर सरकार उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है।

उन्होंने कहा कि इससे पहले भी हरियाणा के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर कई बार सांकेतिक प्रदर्शन कर चुके हैं। मगर, खट्टर सरकार को न प्रदेश के चिकित्सकों की मांगों की ओर ध्यान है और न ही प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य की चिंता है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ के मुताबिक हरियाणा में लगभग दस हजार डॉक्टरों की जरूरत है, जबकि प्रदेश में मात्र 4000 डॉक्टर इस समय काम कर रहे हैं। कुछ जिलों में एक भी स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं है, जनता महंगे खर्च पर निजी अस्पतालों में इलाज करवाने को मजबूर है। खट्टर सरकार ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं का बेड़ा गर्क करने का काम किया।

उन्होंने कहा कि जहां पंजाब में आम आदमी पार्टी ने पौने 2 साल में 700 से ज्यादा मोहल्ला क्लिनिक खोलने का काम किया है, वहीं हरियाणा में रोहतक पीजीआई में 870 चिकित्सकों के पदों में से 401 खाली हैं। वहीं करनाल पीजीआई में 363 पदों में से 134 खाली है। वहीं नूंह और फरीदाबाद के सरकारी महाविद्यालयों में आधे से ज्यादा पद डॉक्टरों के खाली पड़े हैं। वहीं पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने स्वास्थ्य बजट में 396% का इजाफा करने का काम किया है। वहीं हरियाणा ने महज 85.25% का इजाफा किया है। इससे पता चलता है कि खट्टर सरकार को प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य की कोई फिक्र नहीं है।

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