देश के इस बड़े मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए होगा ‘ड्रेस कोड’, ऐसे कपड़े पहनकर गए तो नहीं कर पाएंगे भगवान के दर्शन

नेशनल डेस्क: भारत में कई ऐसे प्राचीन मंदिर स्थित हैं, जिनकी हिंदू धर्म में बड़ी मान्यता है। इन मंदिरों में हर रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। वहीं देश के कई बड़े मंदिरों में ड्रेस कोड लागू किया गया है। द्वारकाधीश मंदिर, वृंदावन बांके बिहारी मंदिर, बरसाना और उत्तर प्रदेश.

नेशनल डेस्क: भारत में कई ऐसे प्राचीन मंदिर स्थित हैं, जिनकी हिंदू धर्म में बड़ी मान्यता है। इन मंदिरों में हर रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। वहीं देश के कई बड़े मंदिरों में ड्रेस कोड लागू किया गया है। द्वारकाधीश मंदिर, वृंदावन बांके बिहारी मंदिर, बरसाना और उत्तर प्रदेश कई मंदिरों में पहले से ही ड्रेस कोड लागू है। वहीं अब इस सूची में ओडिशा के पुरी में स्थित प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर का नाम भी शामिल हो गया है।

 

जगन्नाथ मंदिर में अब कोई भी श्रद्धालु फटी जीन्स, बिना आस्तीन वाले टॉप-कुर्ता या कमीज और हाफ पैंट पहन कर प्रवेश नहीं कर सकेगा। इस मंदिर में 1 जनवरी से श्रद्धालुओं के लिए यह नया ‘ड्रेस कोड’ लागू हो जाएगा। मंदिर प्रशासन ने कहा है कि मंदिर समुद्री तट या पार्क नहीं है, मंदिर में भगवान रहते हैं, ये कोई मनोरंजन स्थल नहीं है।

मंदिर मनोरंजन का स्थान नहीं

श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के प्रमुख रंजन कुमार दास ने कहा कि मंदिर की गरिमा और पवित्रता बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। दुर्भाग्यवश, कुछ लोग दूसरों लोगों की धार्मिक भावनाओं की परवाह किए बिना मंदिर में आ जाते हैं।” उन्होंने कहा, ”कुछ लोगों को मंदिर में फटी जीन्स, बिना आस्तीन वाले कपड़े और हाफ पैंट पहने देखा गया मानो ये लोग समुद्री तट या पार्क में घूम रहे हों।

 

मंदिर में भगवान रहते हैं, मंदिर मनोरंजन का कोई स्थान नहीं है।” उनके अनुसार, मंदिर में आने के लिए स्वीकृत पोशाकों पर निर्णय जल्द ही लिया जाएगा। मंदिर प्रशासन के अधिकारियों ने इसके साथ ही यह भी बताया कि मंदिर के ‘सिंह द्वार’ पर तैनात सुरक्षा कर्मियों और मंदिर के अंदर प्रतिहारी सेवकों को ड्रेस कोड लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

उन्होंने बताया कि मंदिर में कुछ लोगों को ‘अशोभनीय’ पोशाक में देखे जाने के बाद ‘नीति’ उप-समिति की बैठक में श्रद्धालुओं के लिए ‘ड्रेस कोड’ लागू करने का निर्णय लिया गया। रंजन कुमार दास ने कहा, ”मंदिर में 1 जनवरी, 2024 से ‘ड्रेस कोड’ लागू किया जाएगा। मंदिर के ‘सिंह द्वार’ पर तैनात सुरक्षा कर्मियों और मंदिर के अंदर प्रतिहारी सेवकों को ड्रेस कोड लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।”

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