ईडी ने 2016 के बिहार टॉपर घोटाले के मास्टरमाइंड के ठिकानों से 2.87 करोड़ रुपये और 100 से ज्यादा संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि उसने 2016 के बिहार टॉपर घोटाले के मास्टरमाइंड अमित कुमार उर्फ बच्चा राय के ठिकानों पर छापेमारी के बाद 2.87 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है और 100 से अधिक भूखंडों की खरीद से संबंधित दस्तावेज और कई अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं।.

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि उसने 2016 के बिहार टॉपर घोटाले के मास्टरमाइंड अमित कुमार उर्फ बच्चा राय के ठिकानों पर छापेमारी के बाद 2.87 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है और 100 से अधिक भूखंडों की खरीद से संबंधित दस्तावेज और कई अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं। ईडी ने कहा कि उसने शनिवार को बिहार के वैशाली जिले में कुमार, विशुन राय महाविद्यालय और विशुन राजदेव टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के आवासीय परिसरों में तलाशी ली।

एजेंसी ने कहा कि 31 मार्च, 2018 को उसने 4.53 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति कुर्क की थी और 10 दिसंबर को पटना में एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत आरोपपत्र दाखिल किया था। साल 2018 में उसकी 4.53 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई थी। इस मामले में आरोपी व्यक्तियों की गैर-हाजिरी के कारण अभी तक आरोप तय नहीं किए गए हैं।एजेंसी ने कहा कि नवंबर में ईडी के संज्ञान में आया कि कुमार द्वारा भगवानपुर में पहले से ही कुर्क की गई जमीन पर कुछ अवैध निर्माण कार्य किया जा रहा है।

ईडी ने कहा, ‘‘तलाशी के दौरान 2.87 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए, 100 से अधिक भूखंडों की खरीद से संबंधित दस्तावेज और कई अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए।’ईडी का मामला पटना के कोतवाली पुलिस स्टेशन द्वारा कुमार और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दायर एक एफआईआर और आरोपपत्र पर आधारित है।यह घोटाला 31 मई, 2016 को तब सामने आया, जब बिहार स्कूल शिक्षा बोर्ड (बीएसईबी) की कला और मानविकी की टॉपर रूबी राय, विज्ञान के टॉपर सौरभ श्रेष्ठ और विज्ञान स्ट्रीम में तीसरे टॉपर राहुल कुमार का समाचार चैनलों ने साक्षात्कार लिया, जिसमें वे बुनियादी सवालों का जवाब देने में असमर्थ रहे।संदेह होने पर जांच शुरू की गई थी, जिसके बाद ईडी ने 2017 में बिहार पुलिस द्वारा दर्ज एक एफआईआर के आधार पर मामला दर्ज किया था।

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