नई दिल्ली: विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बुधवार को विदेश मामलों पर संसदीय स्थायी समिति की बैठक के दौरान अपने बांग्लादेश दौरे की जानकारी दी। वह सोमवार (9 दिसंबर) को ढाका गए थे। इस यात्रा के दौरान उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस, विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन के साथ मुलाकात की और अपने समकक्ष जशीम उद्दीन के साथ विदेश कार्यालय परामर्श भी किया।
सूत्रों के अनुसार, मिस्री ने लगभग 21-22 सांसदों को बताया कि ढाका की अंतरिम सरकार ने देश में हिंदुओं पर हमलों के पीछे के अपराधियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। विदेश सचिव ने इस बात पर भी जोर दिया कि बैठकों के दौरान यूनुस प्रशासन ने किसी भी समझौते की समीक्षा के बारे में कोई जिक्र नहीं किया।
कांग्रेस सांसद और समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने कहा, हमें बांग्लादेश पर बहुत अच्छी जानकारी मिली और विदेश सचिव, जैसा कि आप जानते हैं, कल ही वहां (बांग्लादेश) से लौटे हैं, वे हमें बहुत विस्तृत जानकारी देने में सक्षम थे।
थरूर ने कहा, सांसदों ने सभी अहम सवाल पूछे। विदेश सचिव ने विस्तृत और स्पष्ट रूप से उत्तर दिए। हम इस विषय पर संसद को रिपोर्ट करेंगे क्योंकि यह समिति का आधिकारिक विषय है…
विदेश सचिव का यह दौरा ऐसे समय में हुआ जब बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों विशेष तौर पर हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा, भड़काऊ बयानबाजी जैसी खबरें लगातार सामने आ रहा हैं।
अपनी यात्रा के दौरान विदेश सचिव ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ चरमपंथी बयानबाजी और हिंसा की घटनाओं को लेकर पड़ोसी देश के साथ नई दिल्ली की चिंताएं भी साझा की थी।
विदेश सचिव ने 9 दिसंबर को बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन के साथ अपनी बैठक के बाद ढाका में कहा, हमने सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनयिक संपत्तियों पर हमलों की कुछ खेदजनक घटनाओं पर भी चर्चा की। हम उम्मीद करते हैं कि बांग्लादेश के अधिकारी इन सभी मुद्दों पर समग्र रूप से रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाएंगे और हम संबंधों को सकारात्मक, दूरदर्शी और रचनात्मक दिशा में आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।