नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय की पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ ने मंगलवार को समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता प्रदान करने से इंकार कर दिया, हालांकि, दुनिया में 34 ऐसे देश हैं, जहां समलैंगिक विवाह या तो वैध हैं या उन्हें कानूनी मान्यता मिल चुकी है ।
मौजूदा वक्त में जिन 34 देशों में समलैंगिक विवाह वैध है या उन्हें कानूनी मान्यता मिली है, उनमें से कुछ प्रमुख देश इस प्रकार हैं-
अर्जेंटीना : समलैंगिक विवाह को 2010 में वैध घोषित किया गया।
ऑस्ट्रेलिया : समलैंगिक विवाह को 2017 में वैध करार दिया गया।
जर्मनी : समलैंगिक विवाह को 2017 में वैध करार दिया गया।
मेक्सिको : मेक्सिको के संघीय जिले मेक्सिको शहर में समलैंगिक विवाह को 2010 में वैध करार दिया गया । हालांकि, अन्य राज्यों में अलग-अलग तारीखों पर इसे व्यवस्था को वैध घोषित करने के लिये कानून बनाये गये ।
इसी तरह ब्रिटेन और स्कॉटलैंड में 2014 में जबकि उत्तरी आयरलैंड में 2020 में समलैंगिक विवाह को वैध घोषित किया गया । अमेरिका में नौ जुलाई, 2015 से समलैंगिक विवाह करने वाले जोड़ों को पूरे देश में सभी सुविधायें मिलनी शुरू हो गयी जो विपरीत-लिंग वाले युगल को मिलते हैं। ऐसे 35 देश हैं जहां समलैंगिक विवाह को विवाह के अलावा अन्य कानूनी मान्यता मिली है, जैसे नागरिक संघों का गठन या पंजीकरण आदि।
एक नागरिक संघ (जिसे नागरिक भागीदारी के रूप में भी जाना जाता है) विवाह के समान एक कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त व्यवस्था है, जो मुख्य रूप से समान-लिंग वाले जोड़ों के लिए कानूनी मान्यता प्रदान करने के साधन के रूप में बनाई गई है। नागरिक संघ विवाह के कुछ या सभी अधिकार प्रदान करते हैं ।