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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियों ने लोकसभा चुनावों की घोषणा करीब आने के बीच बृहस्पतिवार शाम को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में दो-दो रुपये प्रति लीटर की कटौती कर दी। नई दरें शुक्रवार सुबह छह बजे से लागू हो जाएंगी। पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में संशोधन करने का फैसला किया गया है। इन पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें करीब दो साल से स्थिर बनी हुई थीं। यह कदम आम चुनाव की तारीखों का ऐलान करीब होने के बीच उठाया गया है। ऐसी संभावना है कि निर्वाचन आयोग जल्द ही चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है।
इस कटौती के बाद राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की कीमत अब 94.72 रुपये प्रति लीटर होगी, जो फिलहाल 96.72 रुपये प्रति लीटर है। वहीं डीजल 87.62 रुपये में मिलेगा, जो अभी 89.62 रुपये प्रति लीटर है।
सरकार ने लगभग एक दशक पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतों को अपने नियंत्रण से मुक्त कर दिया था और पेट्रोलियम कंपनियां ही कीमतें तय करती आ रही थीं। लेकिन बृहस्पतिवार को पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने कीमतों में कटौती की घोषणा सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के जरिये की।
इसके एक हफ्ते पहले घरेलू रसोई गैस एलपीजी की कीमत में 100 रुपये प्रति सिलेंडर की कटौती की घोषणा की गई थी। उस कटौती से आम उपयोगकर्ताओं के लिए एलपीजी की दरें घटकर 803 रुपये प्रति सिलेंडर हो गईं जबकि उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त कनेक्शन पाने वाले गरीबों को यह सिलेंडर 503 रुपये का हो गया।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा, ‘‘पेट्रोलियम विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने सूचित किया है कि उन्होंने देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संशोधन किया है। नई कीमतें 15 मार्च 2024 को सुबह छह बजे से प्रभावी होंगी।’’
शुक्रवार से मुंबई में पेट्रोल 104.21 रुपये, कोलकाता में 103.94 रुपये और चेन्नई में 100.75 रुपये प्रति लीटर मिलेगा। वहीं डीजल मुंबई में 92.15 रुपये, कोलकाता में 90.76 रुपये और चेन्नई में 92.34 रुपये प्रति लीटर के भाव मिलेगा।
स्थानीय करों के प्रभाव के आधार पर अलग-अलग राज्यों में पेट्रोल-डीजल की दरें अलग-अलग होती हैं। स्थानीय बिक्री कर (वैट) भाजपा-शासित महाराष्ट्र के महानगरों में सबसे अधिक जबकि दिल्ली में सबसे कम है।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी से नागरिकों को अधिक खर्च-योग्य आय, पर्यटन और यात्रा उद्योगों को बढ़ावा, मुद्रास्फीति पर नियंत्रण और परिवहन पर निर्भर व्यवसायों के खर्च में कमी आएगी। इसके अलावा किसानों के लिए ट्रैक्टर संचालन और पंप सेट पर व्यय भी कम हो गया है।
पिछले कुछ वर्षों में अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें अशांत रही हैं। दो साल पहले यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें 140 डॉलर प्रति बैरल तक उछल गई थीं। हालांकि, बाद में तेल कीमतें नीचे आईं लेकिन पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतों में दो साल से कोई बदलाव नहीं किया गया था।