प्लास्टिक के खतरे से निपटने के लिए सरकार और उद्योग मिलकर करें कामः DMEO प्रमुख

नई दिल्लीः विकास निगरानी और आकलन कार्यालय (डीएमईओ) के महानिदेशक संजय कुमार ने बुधवार को कहा कि भारत समाज के सभी तबकों के साझा प्रयासों से ही प्लास्टिक प्रदूषण के खतरे से प्रभावी ढंग से निपट सकता है। कुमार ने यहां गैर-सरकारी संगठन ‘भारत सोका गक्कई’ (बीएसजी) के ‘प्लास्टिक को ना कहें’ अभियान की शुरुआत.

नई दिल्लीः विकास निगरानी और आकलन कार्यालय (डीएमईओ) के महानिदेशक संजय कुमार ने बुधवार को कहा कि भारत समाज के सभी तबकों के साझा प्रयासों से ही प्लास्टिक प्रदूषण के खतरे से प्रभावी ढंग से निपट सकता है। कुमार ने यहां गैर-सरकारी संगठन ‘भारत सोका गक्कई’ (बीएसजी) के ‘प्लास्टिक को ना कहें’ अभियान की शुरुआत पर कहा कि प्लास्टिक के खतरे से निपटने के लिए सरकार, उद्योग जगत और लोगों को मिलकर प्रयास करने होंगे।

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नीति आयोग से संबद्ध डीएमईओ को केंद्र सरकार की योजनाओं, कार्यक्रमों एवं पहल के कार्यान्वयन की निगरानी और मूल्यांकन का दायित्व सौंपा गया है। कुमार ने कहा, कि ‘प्लास्टिक के उपयोग को कम करना, प्लास्टिक का दोबारा इस्तेमाल और टिकाऊ विकल्पों को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण कदम हैं।’’ बीएसजी ने बयान में कहा कि उसने अपनी प्लास्टिक को ना कहें पहल के तहत ‘बीएसजी 25-टन प्लास्टिक संग्रह अभियान’ शुरू किया है।

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इस पहल का उद्देश्य स्थायी मानव व्यवहार और रीसाइक्लिंग को प्रोत्साहित करके प्लास्टिक प्रदूषण से निपटना है। इस अभियान के दौरान दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में तीन से नौ अक्टूबर तक संगठन के सदस्य रणनीतिक रूप से नामित केंद्रों पर प्लास्टिक कचरा जमा करके सक्रिय रूप से योगदान देंगे।

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