करनाल: केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने हरियाणा से चावल और अन्य कृषि उत्पादों का व्यवस्थित तरीके से निर्यात तथा व्यापारियों का सहयोग करने हेतु राज्य सरकार द्वारा स्थापित सहकारिता निर्यात प्रतिष्ठान (को-ऑपरेटिव एक्सपोर्ट हाउस) का मंगलवार को यहां उद्घाटन किया। शाह के साथ इस मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी उपस्थित थे। इस एक्सपोर्ट हाउस से व्यापारियों के साथ किसानों को भी बड़ा लाभ होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हरियाणा में राष्ट्रीय सहकारिता नीति के क्रियान्वयन एवं सहकारिता विभाग की विभिन्न परियोजनाओं के शुभारम्भ से सहकारिता विभाग नई उंचाइयां छुएगा। चावल निर्यात के साथ हस्तकला को भी विश्व के बाजारों में बेचने के अवसर मिलेगें।
उन्होंने कहा कि इस प्रतिष्ठान में निर्यात करने वाले किसानों को केवल उत्पाद लेकर आना है। जांच समेत अन्य सभी व्यवस्थाएं को-ऑपरेटिव हाउस में होंगी। किसानों की आमदनी बढ़ाने में यह प्रतिष्ठान बड़ी भूमिका निभाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लिए गए निर्णयों को हरियाणा सरकार ने तुरंत लागू कर पैक्स को मजबूत करने का कार्य किया है। अब पैक्स के माध्यम से सीएससी, एफपीओ, हर घर नल से जल, गैस एजेंसी, सस्ते अनाज की दूकानें, गांवों में लाईट ठीक करने और स्वच्छता जैसे 20 प्रकार से कार्य किये जाएंगे। उन्होंने खट्टर सरकार की मुक्त कंठ से न केवल सराहना की बल्कि विस्तार से सरकार की उपलब्धियों को भी गिनाया। तमाम विरोधों के बावजूद मुख्यमंत्री द्वारा पढ़ी-लिखी पंचायतों का चयन आज देश में अपनी तरह का अनूठा उदाहरण है। हरियाणा देश का सम्पूर्ण रूप से पढ़ी लिखी पंचायतों वाला सबसे पहला और एकमात्र प्रदेश बन गया है।
शाह ने कहा कि केंद्र सरकार व्यापार घाटा कम करने, निर्यात बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम करने पर जोर दे रही है। हरियाणा सरकार भी कृषि उत्पादों के निर्यात पर विशेष बल दे रही है, जिससे दीर्घकाल में रोजगार के अवसर सृजित करने और देश में विदेशी मुद्रा लाने के अलावा कृषि क्षेत्र भी मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र के साथ राज्य सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप हैफेड ने 2021 में खाद्यान्न के निर्यात में प्रवेश करने की परिकल्पना की थी। हैफेड 95 मिलियन अमेरिकी डॉलर (75 करोड़ रुपये) मूल्य के 5000 टन और 4,000 टन बासमती चावल के दो निर्यात ऑर्डर हासिल करने में सफल रहा।