गन्ने के रेट बढ़ाने की मांग ज़ोर पकड़ने लगी है। भिवानी में किसान नेताओं ने सड़कों पर उतर कर कृषि मंत्री के आवास तक प्रदर्शन किया। साथ ही सरकार को चेतावनी दी कि मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। बता दें कि हरियाणा में गन्ने के रेट बढ़ाने को लेकर किसानों में ग़ुस्सा और विपक्ष की सियासत चरम पर है। एक तरफ़ जहां विपक्ष सरकार पर दबाव बना रहा है वहीं किसान हर रोज़ सड़कों पर उतर कर विरोध जता रहे हैं। पूरे हरियाणा में गन्ने के रेट बढ़ाने की माँग ज़ोर पकड़ रही है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण हरिये ज़्यादा गन्ने के रेट पंजाब में होनी है।
विरोध प्रदर्शन करने वाले किसान नेता ओमप्रकाश व शेर सिंह ने बताया कि हरियाणा में गन्ने के रेट हमेशा पूरे देश में सबसे ज़्यादा रहे हैं। जबकि इस साल हरियाणा में रेट 362 है और पंजाब में 380 रू तक है। उन्होंने कहा कि हर साल 7 फिसदी बढ़ती महंगाई के हिसाब से रेट हर साल 27 रू बढ़ने थे, जबकी भाजपा सरकार मे 8 साल में महज 42 रू रेट बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि हालात ये है कि किसान आगे से गन्ने की पैदावार बंद करने की सोच रहे हैं।
बाइट- ओमप्रकाश व शेर सिंह (किसान नेता)
किसान नेताओं की माँग है कि गन्ने का रेट कम से कम 450 रू प्रति क्विंटल किया जाए। उन्होंने कहा कि उनके आंदोलन के बाद ही सरकार ने कृषि मंत्री के नेतृत्व में कमेटी गठित की है। उन्होंने चेतावनी दी कि किसान आकर्मक होकर खड़ा हो गया तो सरकार को माँग माननी पड़ेगी। साथ ही कहा कि रेट बढ़ाने को लेकर वो जेल भरने को तैयार हैं और माँग पूरी होने तक बड़ा आंदोलन जारी रहेगा। ओमप्रकाश व शेर सिंह (किसान नेता)गन्ने के रेट बढ़ाने की माँग को लेकर हरियाणा की सियासत गर्म है और हर रोज़ किसान सड़कों पर उतर रहे हैं। अब ऐसे में देखना होगा कि सरकार द्वारा गठित कमेटी क्या फ़ैसला लेती है और उस फ़ैसले से सियासतदान व किसान कितने सहमत होते हैं।