Burn Stubble in Sirsa: सिरसा जिले में लगातार पराली जलाने की घटनाएं बढ़ती जा रही है। इसको लेकर अब कृषि विभाग भी एक्शन मोड में नजर आ रहा है। कृषि विभाग की ओर से ऐसे 21 किसानों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। जिन्होंने पराली को आग लगाई थी,वहीं किसानों पर लगभग ₹ 32500 का जुर्माना भी किया गया है।
पराली के जलने की घटनाएं लगाhttp://किसानों के खिलाफ सख्ती बरतेगा कृषि विभागतार बढ़ने से जिला प्रशासन और कृषि विभाग की चिंताए भी लगातार बढ़ती जा रही है। अब कृषि विभाग ने पराली कम से कम जले इसको लेकर अब दिन और रात को गांवों में पहरा देने के निर्देश भी दिए है। पराली को आग लगाने की घटनाओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन और कृषि विभाग संयुक्त रूप से किसानों को जागरूक करने में जुटा है।
अलग-अलग माध्यम से किसानों को पराली नहीं जलाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है और विभाग और सरकार द्वारा दी जा रही योजनाओं के बारे में भी जानकारियां दी जा रही है। कृषि उप निदेशक डॉक्टर सुखदेव कंबोज ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि सिरसा जिला के सभी गांवों में किसानों को जागरूक कर रहे है।
गांव गांव प्रचार कमेटी बनाकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है । दिन और रात को अधिकारियों , कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है । पराली प्रबंधन को लेकर सिरसा के किसानों को जागरूक किया गया है । किसान आग लगाने की बजाए पराली प्रबंधन पर विशेष ध्यान दे। पराली को आग लगाने वाले किसानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सिरसा में हरसक के माध्यम से कुल 53 जगह पर आगजनी की घटना मिली थी। उनमें से 13 जगह की पहचान कर किसानों पर 32500 जुर्माना किया गया है तो वहीं किसानों पर एफआईआर दर्ज कर रेवेन्यू डिपार्टमेंट में रेड एंट्री दर्ज की गई है जो 2 साल तक एमएसपी पर अपनी कोई भी फसल को नहीं बेच पाएंगे।
पराली जलाने वाले 21 किसानों के खिलाफ पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज हुई है। कृषि विभाग के उपनिदेशक सुखदेव सिंह ने मीडिया ने बताया कि धान की पराली नहीं जलाने को लेकर इस मुहिम की शुरुआत की गई है। जागरूकता वैन और अन्य के माध्यम से न केवल पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जा रहा है बल्कि पराली के धुएं से स्वास्थ्य पर होने वाले नुकसान के बारे में भी अवगत करवाया जा रहा है।
इसी के साथ पराली प्रबंधन कर भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने की जानकारी भी किसानों को दी जा रही है। पराली को मिट्टी में मिलाने व गांठ बनाने वाले किसान को ₹1000 प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि मिलेगी । रेड से ग्रीन जोन में आने वाले गांव की पंचायत को ₹1 लाख मिलेंगे । सिरसा के 11 गांव रेड जोन में शामिल हैं ।