गन्ने की पेमेंट, खराबे के मुआवजे और खाद के लिए तरसे किसान: Bhupendra Hooda

  चंडीगढ़: गन्ने की पेमेंट, खराबे के मुआवजे और खाद के लिए तरसे किसान यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा ने पिछले दिनों हुई ओलावृष्टि की वजह से फसलों को नुकसान के लिए मुआवजे की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि सरकार को तत्परता दिखाते हुए गिरदावरी शुरू.

 

चंडीगढ़: गन्ने की पेमेंट, खराबे के मुआवजे और खाद के लिए तरसे किसान यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा ने पिछले दिनों हुई ओलावृष्टि की वजह से फसलों को नुकसान के लिए मुआवजे की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि सरकार को तत्परता दिखाते हुए गिरदावरी शुरू कर देनी चाहिए थी। लेकिन किसानों द्वारा मांग उठाए जाने के बावजूद अब तक सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। इससे स्पष्ट है कि सरकार मुआवजा देने से बच रही है।

पिछले 9 साल में इस सरकार का यहीं ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। पिछली कई बार आई बाढ़(आपदा) के साथ-साथ कई सीजन से किसान मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं लेकिन उन्हें सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है। हुड्डा ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी किसान ही नहीं बल्कि आढ़ती और मजदूरों के भी करोड़ों रुपए मारकर बैठी है। सरकार की तरफ आढ़ती और मजदूर का 487 करोड़ रुपए बकाया है।

धान का पूरा सीजन खत्म हो गया है लेकिन अब तक उनको सरकार ने मेहनताना नहीं दिया। इसी तरह गन्ने के किसान भी लंबे वक्त से पेमेंट को तरस रहे हैं। शूगर मिलों में पिराई का सत्र शुरू हुए एक महीना हो चुका है। लेकिन अब तक गन्ना किसानों को भुगतान नहीं किया गया। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि यह सरकार हर सीजन में किसानों व मंडी में काम करने वालों के साथ ऐसे ही खिलवाड़ होता है।

इसलिए सभी को भुगतान में देरी होने पर ब्याज दिया जाना चाहिए। किसानों को मुआवजा और फसलों के रेट के साथ एकबार फिर बीजेपी-जेजेपी खाद मुहैया करवाने में भी नाकाम साबित हुई है। सरकार के तमाम कारनामों से स्पष्ट है कि सत्ताधारी गठबंधन पूरी तरह किसान और मजदूर विरोधी है। उन्होंने कहा कि यह सरकार न तो किसान को फसल का सही दाम दे रही है और न ही किसानों को समय पर खाद-बीज उपलब्ध करवा पा रही है।

यूरिया खाद की किल्लत और कालाबाजारी से किसानों को जूझना पड़ रहा हैं। हर सीजन में बीजेपीजेजेपी द्वारा किसानों के साथ इसी तरह खिलवाड़ किया जाता है। थानों में खाद बंटवाने का कीर्तिमान इसी सरकार के नाम दर्ज है। छोटे-छोटे बच्चों और महिलाओं तक को भी लंबी कतारों में लगना पड़ता है। बावजूद इसके कभी भी सरकार ने वक्त रहते खाद का बंदोबस्त नहीं किया। सरकार से हमारी मांग है कि तुरंत गन्ने की पेमेंट, पेंडिग पड़ा खराब फसल का मुआवजा और किसानों को खाद उपलब्ध करवानी चाहिए

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