चंडीगढ़: हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि सरकार गायों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है। वर्ष 2014 के बाद हरियाणा सरकार ने गौ संरक्षण के लिए बजट में बढ़ोतरी की है। वे हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर जवाब दे रहे थे। मंत्री ने कहा कि 2014 में हमारी सरकार बनने से पहले गौ संरक्षण के लिए 2 करोड़ रुपये का बजट होता था, जिसे हमारी सरकार ने बढ़ाकर 425 करोड़ रुपये किया। इतना ही नहीं, हमारी सरकार ने चारे के लिए भी बजट बढ़ाया है जो 2014 से पहले 1.85 करोड़ रुपये था। इस वर्ष अब तक गौशालाओं को चारे के लिए 163 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने गांव नैन (पानीपत जिला) और गांव ढंढूर (हिसार जिला) में 8 करोड़ रुपये की लागत से 5,000 पशुओं को रखने की क्षमता वाले दो गौ अभ्यारण्य बनाए हैं। अब तक इन अभ्यारण्यों में लगभग 6,000 बेसहारा पशुओं का पुनर्वास किया जा चुका है।
गौ सेवा आयोग ने अभयारण्यों की स्थापना के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश भर में कुल 683 गौशालाएं हैं। इनमें से 185 नगर निगम क्षेत्रों में हैं, जिनमें कुल 1,73,501 गौवंश रखने की क्षमता है। साथ ही नगर निगमों को आवश्यकता के अनुसार और गौशालाएं बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
शहरी स्थानीय निकायों ने कहा कि जनवरी 2024 से मार्च 2025 तक कुल 56,615 आवारा पशुओं को गौशालाओं में पुनर्वासित किया गया है। इसके अलावा, इसी अवधि के दौरान 25,325 कुत्तों की नसबंदी की गई है और 41,152 बंदरों को वन क्षेत्रों में भेजा गया है।
उन्होंने बताया कि गौशालाओं को सुदृढ़ करने के लिए सरकार पशुपालन एवं डेयरी विभाग, हरियाणा के माध्यम से सभी गौशालाओं को चारा अनुदान उपलब्ध करा रही है।