मुआवजे का इंतजार कर रहे किसानों को सरकार ने पोर्टल के जंजाल में उलझाया : Bhupinder Hooda

रोहतक : लंबा अरसा बीत जाने के बावजूद आज तक किसान बाढ़ के मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं। सरकार ने खुद 14 लाख एकड़ से ज्यादा फसल के खराबे की बात मानी। लेकिन गिने-चुने किसानों को ही नाममात्र मुआवजा मिल पाया है। किसानों का हज़ारों करोड़ रूपया अब भी बकाया है। मुआवजा देने की.

रोहतक : लंबा अरसा बीत जाने के बावजूद आज तक किसान बाढ़ के मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं। सरकार ने खुद 14 लाख एकड़ से ज्यादा फसल के खराबे की बात मानी। लेकिन गिने-चुने किसानों को ही नाममात्र मुआवजा मिल पाया है। किसानों का हज़ारों करोड़ रूपया अब भी बकाया है। मुआवजा देने की बजाय सरकार ने किसानों को पोर्टल के जंजाल में उलझा कर रख दिया है। ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा आज रोहतक में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि पीएम फसल बीमा योजना में सरकार का एक और गड़बड़झाला सामने आया है। इस बार जानबूझकर बीमा कंपनियों को नोटिफाई करने में देरी की गई। सरकार ने 25 जुलाई को बीमा के लिए नोटिफाई किया। इसके चलते मई, जून और जुलाई में हुए खराबे के लिए किसान क्लेम ही नहीं कर पाए। क्योंकि क्लेम के लिए किसानों को 72 घंटे के भीतर अपील करनी पड़ती है। लेकिन 3 महीने तक किसानों को पता ही नहीं था कि कौन-सी कंपनी को क्लेम करना है। हुड्डा ने कहा कि अगर सरकार समय रहते कंपनियों को नोटिफाई करती और किसान समय रहते क्लेम रजिस्टर कर पाते तो किसान नुकशान से कुछ बच सकता था।

इस मौके पर उन्होंने रोहतक समेत पूरे प्रदेश की खस्ताहाल सड़कों पर चिंता जाहिर की है। हुड्डा ने कहा कि जन्माष्टमी के अवसर पर स्थानीय विधायक भारत भूषण बतरा और वरिष्ठ कांग्रेसजनों के साथ उन्होंने कई कार्यक्रमों में शिरकत की। उन्हें जहां भी जाने का मौका मिला, सड़कें खस्ताहाल मिलीं। ऐसा लग रहा है मानो सरकार ने इस काम को भगवान भरोसे छोड़ दिया है।

हुड्डा ने विशाल नगर के लोगों से भी बात की। उन्होंने बताया कि इलाके में पानी की बेहद किल्लत है। साथ ही विशाल नगर के सामने वाली सड़क को मकानों से भी ऊंचा उठा दिया गया है। अब वहां पानी की निकासी के लिए कोई रास्ता नहीं है। विधायक बीबी बतरा ने बार-बार इस मुद्दे को उठाया लेकिन सरकार की कान पर जूं तक नहीं रेंगी।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इंडस्ट्रियल एरिया में बिजली की किल्लत का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि एनसीआर क्षेत्र में जनरेटर पर पाबंदी के आदेश जारी हो चुके हैं। ऐसे में अगर इंडस्ट्री को प्रदेश सरकार बिजली नहीं देगी तो वहां काम कैसे हो पाएगा। औद्योगिक क्षेत्रों के प्रति बीजेपी-जेजेपी सरकार की उदासीनता पूरे हरियाणा में देखने को मिल रही है। कांग्रेस कार्यकाल के बाद पिछले 9 साल में एक भी नई आईएमटी स्थापित नहीं हुई। पहले से स्थापित आईएमटी को विकसित करने के लिए सरकार ने कोई कदम नहीं उठाए।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एचएसआईआईडीसी प्लॉट की बोली में अपारदर्शीता बरते जाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्लॉट आवंटन के नए नियम व प्रक्रिया उचित नहीं है। इसी तरह हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के प्लॉट आवंटन में भी बोली का प्रावधान करके सरकार ने आम आदमी को झटका दिया है। इसकी वजह से मध्यम वर्गीय परिवार सेक्टर में मकान नहीं बना पाएंगे। क्योंकि बोली की वजह से रेट उनकी पहुंच से बाहर हो जाते हैं।

हरियाणा पर बढ़ते कर्ज पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि कर्जा करीब साढे चार लाख करोड़ तक पहुंच चुका है। यह समझ से परे है कि सरकार ने इतना रुपया कहां खर्च किया। क्योंकि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में ना प्रदेश में कोई बड़ी परियोजना स्थापित हुई, ना ही कोई पावर प्लांट लगा, ना कोई मेडिकल कॉलेज या नई यूनिवर्सिटी बनी और ना ही कोई बड़ा उद्योग आया। ऐसे में यह लाखों करोड़ रूपया कहां खर्च किया गया?

छेड़छाड़ के आरोपी मंत्री संदीप सिंह पर पूछे गए सवाल के जवाब में हुड्डा ने एकबार फिर उनके इस्तीफा की मांग की। उन्होंने कहा कि चार्जशीट में भी मंत्री पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। नैतिकता के आधार पर बिना देरी के उन्हें खुद इस्तीफा देना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करते तो मुख्यमंत्री को उनका इस्तीफा ले लेना चाहिए।

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