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हरियाणा सरकार कुछ कानूनों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के लिए कदम उठा रही

चंडीगढ: हरियाणा सरकार ने कुछ कानूनों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के तरीकों पर चर्चा करने के लक्षय़ से शुक्रवार को एक बैठक की। सरकार द्वारा जारी बयान में यह जानकारी दी गई है।बयान के अनुसार, ‘‘इस पूरी कवायद का लक्षय़ कुछ अधिनियमों/नियमों में निर्धारित बोङिाल अनुपालन को कम करके नागरिकों और कारोबार.

चंडीगढ: हरियाणा सरकार ने कुछ कानूनों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के तरीकों पर चर्चा करने के लक्षय़ से शुक्रवार को एक बैठक की। सरकार द्वारा जारी बयान में यह जानकारी दी गई है।बयान के अनुसार, ‘‘इस पूरी कवायद का लक्षय़ कुछ अधिनियमों/नियमों में निर्धारित बोङिाल अनुपालन को कम करके नागरिकों और कारोबार के लिए इन्हें सरल बनाना है। इसका उद्देशय़ अनुपालन को सरल और डिजिटल बनाना, अपराध की श्रेणी से बाहर करना और तर्कसंगत बनाना है।’’ बैठक की अध्यक्षता करने वाले मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि प्राथमिक लक्षय़ इन कानूनों के मामूली उल्लंघन, जो गंभीर प्रकृति के नहीं हैं, के लिए प्राथमिकी दर्ज करने, लोगों को जेल में डालने या उन पर मुकदमा चलाने से बचना है।

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें आपराधिक कृत्य मानने के बजाय, उन्हें दीवानी अपराध माना जा सकता है या प्रशासनिक उपायों, जुर्माने या अन्य गैर-आपराधिक दंडों के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है।’’ कौशल ने सभी प्रशासनिक सचिवों को एक पखवाड़े के भीतर अपने-अपने विभागों में कानूनों और अधिनियमों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। विभागों को उन प्रावधानों की पहचान करने के लिए 319 अधिनियमों की समीक्षा करने का भी काम सौंपा गया है जिन्हें अपराध की श्रेणी से बाहर किया जा सकता है।

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