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हरियाणा प्रदेश में आने वाले एक-दो सालों में नहीं जलेगा पराली का एक भी तिनका : वन मंत्री कंवर पाल

जगाधरी: यमुनानगर के दिल्ली पब्लिक स्कूल में वार्षिक उत्सव का आयोजन किया गया।इस मौके पर हरियाणा के स्कूल शिक्षा एवं वन मंन्त्री कंवरपाल ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की।रिबन काटकर और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।कार्यक्रम में स्कूल के छात्र छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।वही शिक्षा,खेल और विभिन्न प्रतिस्पर्द्धा में अव्वल आने वाले छात्र छात्राओं को स्कूल शिक्षा एवं वन मंन्त्री ने समान्नित किया। इस मौके पर स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से छात्र छात्राओं की प्रतिभा और निखर कर आती है।उन्होंने छात्र छात्राओं द्वारा दी गईं प्रस्तुति की भी सराहना की।

हरियाणा के स्कूल शिक्षा एवं वन मंत्री कंवर पाल ने कहा कि आने वाले एक-दो सालों में हरियाणा में पराली और फसल अवशेषों का एक तिनका भी नहीं जलेगा। इन फसल अवशेषों का प्रबंधन करने का तौर तरीका किसान बखूबी जान चुके है। इन अवशेषों का प्रबंधन करने पर किसानों को प्रति एकड़ 1 हजार रुपए का आर्थिक सहयोग भी सरकार की तरफ से मुहैया करवाया जा रहा है।स्कूल शिक्षा एवं वन मंत्री ने कहा कि हरियाणा प्रदेश पराली और फसल अवशेषों का प्रबंधन करने पर देश का सबसे अग्रणी राज्य है। इस प्रदेश में के प्रयासों से ही किसानों को 85 फीसदी सब्सिडी पर कृषि मशीनें उपलब्ध करवाई जा रही है। इन मशीनों के माध्यम से किसान फसल अवशेषों का सहजता से प्रबंधन करने में सक्षम हो चुके है।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष प्रदेश में पराली जलाने की बहुत कम मामले सामने आए है। यह मामले पिछले कई सालों की तुलना में कई गुणा कम है।दिल्ली की आप सरकार इस विषय पर केवल राजनीति कर रही है।उनकी ऐसी आदत है हर किसी विषय के लिए दूसरे को जिम्मेदार ठहराना।जब पूर्व में पंजाब में कांग्रेस सरकार थी तब हरियाणा के साथ साथ पंजाब पर भी पराली जलाने के आरोप लगाते थे लेकिन अब सेटेलाइट के माध्यम से सामने आया कि पराली जलाने की घटनाएं हरियाणा से पंजाब में कई गुना ज्यादा है।लेकिन वहां उनकी पार्टी की सरकार है तो इसलिए अब पंजाब का नाम नही लेते।यह एक गंभीर विषय है इस पर आरोप प्रत्यारोप की राजनीति न करके समाधान ढूंढना चाहिए। कोरोना महामारी से जब पूरा विश्व जूझ रहा था तो दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने प्रवासी मजदूरों को उसके लिए जिम्मेदार ठहराया ।अपनी गलती पर भी दूसरो पर आरोप लगाना यह उनका स्टाइल है। हरियाणा ने फ़सल अवशेषों के लिए जो व्यवस्था की आज उसकी पूरे देश में तारीफ हो रही है।

 

 

 

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