Nuh Farmers Happy with Onion Prices: प्याज अलवर और खैरथल की मंडियों में दिल्ली से महंगा बिक रहा है। प्याज की फसल एनसीआर की सब्जी मंडियों में प्याज की कीमतों में गिरावट लाएगा। एनसीआर में प्याज की बेलगाम कीमतों ने 5 साल के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
माना जा रहा है कि अब केवल मेवात की प्याज ही तिलक नगर आजादपुर और गाजीपुर मंडियों में राहत ला सकता है। महंगाई के कारण नूंह, अलवर क्षेत्र में खुदाई का कार्य तेजी से चल रहा है। बहुत जल्द कटाई के बाद ही यह प्याज दिल्ली की मंडियों तक पहुंचेगा।
अगले सप्ताह तक महंगाई को रोक पाना सरकार के बस की बात नहीं। हालांकि गुजरात के नासिक व महाराष्ट्र के क्षेत्र से आने वाले प्याज में निरंतर गिरावट देखने को मिल रही है। इस बार सितंबर में हुई बारिश के कारण भी प्याज की काफी फसल बर्बाद हुई है, तो सैंकड़ों एकड़ में गलन की बीमारी भी प्याज में देखी गई है। जिसका सीधा असर प्याज की पैदावार पर पड़ा है।
पिछले कुछ दिनों में मेवात के किसानों ने प्याज के अच्छे दाम एनसीआर की मंडियों में पाए हैं, जिससे किसान लखपति भी बन गए हैं। माना जा रहा है कि अगले सप्ताह तक महंगाई के कारण प्याज की खुदाई का कार्य और तेज हो जाएगा। दिल्ली की मंडियों के अलावा अलवर और खैरथल राजस्थान की मंडियां किसान की पहली पसंद बनती जा रही हैं।
यहां 60 – 65 रुपए प्रति किलो में प्याज किसानों से खरीदी जा रही है। उनका खर्चा भी कम लग रहा है, जिससे उन्हें ज्यादा मुनाफा भी मिल रहा है। केंद्र और राज्य सरकार प्याज के दामों को नियंत्रित करने के लिए कई राज्यों में से प्याज की खरीदारी करने में जुटी है। लेकिन एनसीआर केवल मेवात की प्याज पर ही निर्भर है।
डॉक्टर दीन मोहमद जिला बागवानी अधिकारी ने बताया कि हरियाणा में बरसाती प्याज सबसे ज्यादा नूंह जिले में होती है। उत्पादन के साथ – साथ गुणवत्ता में भी इस प्याज का कोई जवाब नहीं है। एनसीआर की मंडियों में इस प्याज को खासा पसंद किया जाता है। बीते साल तकरीबन 20000 एकड़ भूमि में प्याज की फसल लगाई गई थी, लेकिन इस बार बरसात अधिक होने की वजह से तकरीबन 17600 एकड़ में प्याज की फसल लगाई गई है।
रकबा भले ही घट गया हो, लेकिन इस बार किसानों को भाव अच्छा मिल रहा है। राहत की बात यह है कि अब मेवात का प्याज एनसीआर की मंडियों में आने लगा है। जिसको सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है। अब दामों में भी कमी आएगी और आम ग्राहक को इसका लाभ मिलेगा।