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पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति द्वारा पक्का मोर्चा अभी भी जारी

फतेहाबाद: जिले में बाढ़ से हुए बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति द्वारा 18 अगस्त से डीसी कार्यालय के बाहर शुरू किया गया पक्का मोर्चा मंगलवार को भी जारी रहा। फतेहाबाद पुलिस द्वारा सोमवार को पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के राज्य प्रधान मनदीप नथवान सहित चार किसान नेताओं को नजरबंद किया गया था। रातभर जहां इन किसान नेताओं को सीआईए स्टाफ के दफ्तर में नजरबंद करके रखा गया वहीं मंगलवार सुबह करीब 11 बजे इन नेताओं की रिहाई की गई। रिहाई के साथ ही सभी किसान नेता पक्का मोर्चा स्थल पर पहुंचे जहां किसानों ने जोरदार तरीके से इनका स्वागत किया। किसान नेताओं ने घोषणा की कि जब तक सरकार किसानों को मुआवजा जारी नहीं करती, तब तक लघु सचिवालय गेट पर उनका पक्का मोर्चा जारी रहेगा। किसान संघर्ष समिति द्वारा गांवों में जाकर कमेटियों का गठन कर किसानों को लामबंद किया जाए और किसानों की सलाह अनुसार जल्द ही बड़े आंदोलन की घोषणा की जाएगी।

बता दें कि बाढ़ पीडि़त किसानों को 50 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा, खराब ट्यूब्वैलों व मकानों के मुआवजा सहित 21 मांगों को लेकर पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति द्वारा लघु सचिवालय पर पक्का मोर्चा लगाया गया है। एक तरफ जहां फतेहाबाद में किसान पक्का मोर्चें पर डटे हैं वहीं किसान जत्थेबंदियों द्वारा मंगलवार को चण्डीगढ़ में प्रदर्शन की घोषणा की गई। इसी प्रदर्शन के मद्देनजर शासन-प्रशासन न सोमवार को किसान नेताओं को नजरबंद करना शुरू कर दिया। फतेहाबाद में पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के राज्य प्रधान मनदीप नथवान, रतिया ब्लॉक के प्रधान गुरप्यार बाड़ा, राज्य कमेटी मैंबर सुखदीप रंधावा व जगसीर रतिया को उस समय सीआईए पुलिस ने हिरासत में ले लिया जब ये लोग रतिया से फतेहाबाद में पक्का मोर्चा स्थल पर आ रहे थे। किसान नेताओं को नजरबंद करने की सूचना मिलते ही जिलेभर के किसानों में रोष फैल गया और सैंकड़ों की संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्रालियां लेकर सोमवार से ही पक्का मोर्चा स्थल पर आना शुरू हो गए जो यह सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा। मंगलवार दोपहर को नजरबंद किए गए किसान नेताओं को रिहा कर दिया गया।

रिहाई के बाद पक्का मोर्चा स्थल पर पहुंचे मनदीप नथवान ने कहा कि सरकार किसानों को जेलों में डालकर उनकी आवाज को दबाना चाहती है लेकिन किसान सरकार की ऐसी करतूतों से डरने वाले नहीं है। आंदोलन के दम पर किसानों ने पहले भी कई मोर्चें फतह किए हैं और फतेहाबाद में मुआवजे को लेकर चल रहा पक्का मोर्चा भी फतह के बाद ही हटाया जाएगा। उन्होंने किसानों से एकजुट होकर इस किसान विरोधी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने की अपील की।

 

 

 

 

 

 

 

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