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CM खट्टर की अपील पर बिजली बिल भर रहे लोग, मुनाफे में आईं बिजली कम्पनियां

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि बिजली नियामक आयोग का जिस उद्देश्य को लेकर का गठन किया गया था उससे न केवल बिजली सुधार में सकारात्मक कार्य हो रहे बल्कि इससे फलस्वरूप राज्य की सभी बिजली कम्पनियां पहली बार मुनाफे में आई हैं। खट्टर हरियाणा बिजली विनियामक आयोग के गठन की रजत जयंती के अवसर पर आज आयोजित बिजली विनियामक आयोगों के क्षेत्रीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने आयोग के गठन के 25 वर्ष पूरे होने पर बधाई देते हुए कहा कि बिजली डिस्कॉम कम्पनियां वित्त क्षेत्र की सबसे बड़े सार्वजनिक उपक्रम में से एक है। बिजली कम्पनियों को घाटे से उबारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर ‘उदय‘ योजना लागू की गई थी। हरियाणा सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप बिजली कम्पनियों का 25,950 करोड़ रुपये का घाटा सरकार ने अपने स्तर पर वहन किया और आज हरियाणा की सभी चारों बिजली कम्पनियां मुनाफे में चल रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वप्रथम वर्ष 2014 में जब उन्होंने हरियाणा की सत्ता की बागडोर संभाली थी तो उस समय उन्होंने बिजली सुधार का संकल्प लिया था और वर्ष 2015 में तत्कालीन भिवानी जिले के बाढड़ा में जहाँ बिजली को लेकर बड़े-बड़े आंदोलन हुए, वहां पर आयोजित रैली में उन्होंने उपस्थित लोगों से झोली फैलाकर बिजली के बिल भरने की अपील की थी। इस अपील का लोगों पर इतना असर हुआ कि लोग स्वयं बिजली के बिल भरने के लिए आगे आ रहे हैं, जिसके फलस्वरूप ‘म्हारा गांव, जगमग गांव‘ योजना के तहत प्रदेश के 5745 गांवों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सम्भव हो पाई है। इतना ही नहीं गत नौ वर्षों में बिजली बिलों के रेट भी नहीं बढ़ाये गए हैं।

उन्होंने कहा कि बिजली सम्प्रेषण ह्रास भी 34 से घटकर 15 प्रतिशत कम हो गया है। लोगों की बिजली पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। कृषि क्षेत्र को सब्सिडी के रूप में बड़ी राशि दी जाती है। हरित ऊर्जा को विकल्प के तौर पर अपनाने की योजनाएं बनाई जा रही हैं। पीएम कुसुम योजना के तहत गत वर्ष हरियाणा में 53000 कृषि नलकूपों को सौर ऊर्जा पर लाया गया। इस वर्ष 70000 कृषि नलकूपों को सौर ऊर्जा पर लाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस अवसर आयोग के अध्यक्ष आर. के. पचनंदा, बिजली निगमों के चेयरमैन पी. के. दास, पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. साकेत कुमार, आयोग के सदस्य नरेश सरदाना के अलावा विभिन्न राज्यों के बिजली विनियामक आयोगों के अध्यक्ष एवं सदस्य उपस्थित थे।

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