28 वर्षीय राजेंद्र की मौत मामले में एक बार फिर ग्रामीणों ने इकठा होकर किया धरना प्रर्दशन

हिसार के गांव काबरेल के 28 वर्षीय राजेंद्र की मौत मामले में एक बार फिर ग्रामीण सिविल हस्पताल में इकठा होकर धरना प्रर्दशन किया। राजेंद्र के शव कोर रात को ही पोस्टमार्टम के लिए लाया गया था, लेकिन ग्रामीण इस बात से नाराज होकर हिसार सिविल अस्पताल में धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों ने बताया.

हिसार के गांव काबरेल के 28 वर्षीय राजेंद्र की मौत मामले में एक बार फिर ग्रामीण सिविल हस्पताल में इकठा होकर धरना प्रर्दशन किया। राजेंद्र के शव कोर रात को ही पोस्टमार्टम के लिए लाया गया था, लेकिन ग्रामीण इस बात से नाराज होकर हिसार सिविल अस्पताल में धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों ने बताया कि जिस तरह का आश्वासन पुलिस अधिकारियों ने दिया था, वैसा कुछ नहीं हो रहा।

अखिल भारतीय किसान सभा के तहसील प्रधान अनिल बेंदा और ग्रामीणों ने बताया कि गांव काबरेल के रहने वाले राजेंद्र की 27 सिंतबर को ठेके के कारिेंदों के साथ कहासुनी हो गई थी, उस दौरान उसे जमकर पीटते हुए अधमरी हालात में न्यौली कलां फाटक के पास फेंक दिया था। सोमवार को राजेंद्र ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।ऐसे में कल काबरेल चौक पर ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया था, जिसके बाद मौके पर पुलिस विभाग के आला अफसर आए थे। ग्रामीणों की मांग है कि राजेंद्र के शव का पोस्टमार्टम बोर्ड की कमेटी द्वारा करवाया जाए। इसके साथ ही केस में इनवॉल्व लोगों को काबू किया जाए। साथ ही वारदात में जो हथियार इस्तेमाल किए गए उनकी पुलिस बरामदगी करे।गांव काबरेल के सरपंच प्रतिनिधि प्रहलाद ने बताया कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी तब तक मृतक का अंतिम संस्कार नहीं किया जायेगा।

वही सिविल अस्पताल में सुबह से ही इस मामले को लेकर माहौल गर्म नजर आया। वहीं, मामले की सूचना मिलने के बाद डीएसपी अशोक कुमार भी सिविल अस्पताल पहुंचे और ग्रामीणों से बातचीत की। ग्रामीणों ने डीएसपी के समक्ष मांग की है कि 5 सदस्य मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए। और जो भी दोषी है उसको तुरंत पकड़ा जाए। वही हस्पताल में शव का पोस्टमार्टम करवाया गया लेकिन परिजन और ग्रामीणों ने शव को लेने से इनकार कर दिया। ग्रामीण और परिजन पुलिस की कार्यप्रणाली से असंतुस्ट नजर आये। और ग्रमीणो ने शव पोस्टमर्टम हाउस में ही छोड़ कर चले गए। ग्रामीणों ने पुलिस पर्शाशन को भी कहा है जी जब तक आरोपियों को पकड़ा नहीं जायेगा तब तक हम हमरे गांव में न तो किसी नेता को घुसने देंगे और न ही पुलिस को आने देंगे।

इससे पहले आपको बता दें कि कल रात को ग्रामीणों के प्रदर्शन के बाद एसएचओ और जांच अधिकारी को भी लाइन हाजिर किया गया है। दोनों पर ग्रामीणों ने आरोप लगाए थे कि इन्होंने ग्रामीणों और गांव के मौजिज व्यक्तियों के साथ गलत व्यवहार किया था।

पूरा मामला ये था –
प्राप्त मिली जानकारी के अनुसार मृतक युवक काबरेल का रहने वाला था। परिजनों व ग्रामीणों का आरोप है कि 27 सितंबर की आधी रात को शराब ठेके के कारिंदों ने मारपीट कर अधमरा करके राजेन्द्र को सड़क पर फेंक दिया था। रात भर वह वहां सड़क पर तड़पता रहा। राहगीरों ने उसे हिसार के सामान्य अस्पताल पहुंचाया। हिसार से उसे गंभीर हालत के कारण मेडिकल कॉलेज अग्रोहा रेफर कर दिया। सदर थाना पुलिस ने घायल की पत्नी के बयान पर केस दर्ज किया था। मृतक की पत्नी रेखा ने बताया कि उसका पति राजेंद्र ऑल्टो कार चलाता था। रात को फोन करके एक व्यक्ति ने कहा कि 10 बजे आना था आया क्यों नहीं। उसके बाद उसका पति बाइक लेकर घर से चला गया। उसने फोन किया कि हमें जागरण में जाना था। पति ने कहा कि आप चले जाना मैं आपको रात को ले आऊंगा। पति ने कहा कि प्रेम, विक्की राव, कालिया आरती के साथ हूं, चिंता मत करना मैं आ जाऊंगा।

रेखा के अनुसार अगले दिन सुबह करीब साढ़े तीन बजे उसके पास किसी व्यक्ति का फोन आया। उसने कहा कि आपके पति को गंभीर चोट लगी है। रेखा ने बताया कि उसके पति व उसके साथ गए गांव सलेमगढ़, गांव काबरेल निवासी सतीश, विक्रम उर्फ विक्की की गांव मिगनीखेड़ा शराब ठेके पर कारिंदों से कहासुनी हुई थी। ठेका के कारिंदों ने 6-7 आदमियों को बुला लिया था। उसने बताया कि उसके पति को ठेके के कारिंदों ने ही मारपीट कर अधमरा कर रेलवे पुल न्योली कलां पर फेंक दिया था। उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई, जिसे निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। इलाज के दौरान सोमवार को उसकी मौत हो गई।

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