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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास पाकिस्तानी रेंजर्स ने बिना किसी उकसावे के गोलीबारी की थी जिसमें सीमा सुरक्षा बल (BSF) के हेड कांस्टेबल लाल फाम कीमा शहीद हो गए। शहीद होने वाले हेड कांस्टेबल लाल फैम किमा ने अपनी बहादुरी का परिचय देते हुए अपने दर्जनभर साथियों की जान बचाई थी।
कीमा की इस बहादुरी को याद करते हुए उनके CO ने एक भावनात्मक पोस्ट लिखी है। जम्मू-कश्मीर में 1998 की सर्दियों में एक अभियान के दौरान गूल गांव में मिट्टी के घर के अंदर छिपे एक आतंकवादी को मार गिराने के लिए कीमा ने अपनी लाइट मशीन गन (LMG) खाली कर दी थी और जोर-जोर से चिल्लाकर कहा था कि ‘तुम साला पिन निकालेगा।’
उस अभियान को याद करते हुए कीमा के तत्कालीन कमांडिंग ऑफिसर (CO) ने एक भावनात्मक पोस्ट लिखा, जिसे BSF के कई अधिकारियों ने सोशल मीडिया मंचों पर शेयर किया। पाकिस्तान की कायराना हरकत में शहीद हुए BSF के हेड कांस्टेबल लाल फैम किमा (50) की बहादुरी का एक किस्सा मशहूर है। उन्होंने एक बार जम्मू-कश्मीर में LOC के पास आतंक विरोधी अभियान में अपने एक दर्जन साथियों की जान बचाई थी।
1996 में सीमा सुरक्षा बल में शामिल हुए थे
आइजोल के रहने वाले हेड कांस्टेबल कीमा 1996 में सीमा सुरक्षा बल में शामिल हुए थे और वर्तमान में BSF की 148वीं बटालियन में तैनात थे, जिसे अंतर्राष्ट्रीय सीमा की हिफाजत का जिम्मा सौंपा गया है।कीमा के पूर्व CO सुखमिंदर ने उन्हें याद करते हुए कहा कि जब उन्होंने सीमा पर एक बीएसएफ जवान के शहीद होने की खबर सुनी, तो इस अकारण गोलीबारी में अपने पुराने सहयोगी के मारे जाने के डर के चलते उनके मन में उथल-पुथल मच गई।
निडर जवान ने बचाई कई साथियों की जान
पूर्व CO ने कहा कि वह युवा अधिकारियों और सैनिकों को बीते कई वर्षों से LoC पर लगभग 25 साल पहले चलाए गए एक अभियान के दौरान कीमा द्वारा दिखाई गई बहादुरी और सतर्कता के किस्से सुनाते आ रहे हैं।” पोस्ट शेयर करते हुए अधिकारी ने पुराना किस्सा याद करते हुए बताया कि आतंकी मिट्टी के एक घर के अंदर छिपे हुए थे और सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ के बाद उन्होंने फिदायिन हमला कर खुद को उड़ा लिया, ताकि आसपास मौजूद बीएसएफ जवानों को भी मारा जा सके। घर के अंदर से धुंआ निकल ही रहा था कि बीएसएफ की टीम उसमें घुस गई और तीन आतंकियों को मृत पाया।
तभी अचानक जोर से चिल्लाने की आवाज आई कि ‘तुम साला पिन निकलेगा।’ इसके बाद LMG से जोरदार गोलीबारी हुई और सभी खुद को बचाने के लिए छिपने लगे। पूर्व सीओ ने लिखा, ”गोलीबारी करने वाले कोई और नहीं, बल्कि लाल फाम कीमा ही थे। दरअसल, उन्होंने आखिरी सांसें ले रहे एक आतंकी को ग्रेनेड से पिन हटाते हुए देख लिया था।” उन्होंने लिखा, ”मिट्टी के घर में धमाके के बाद जब बाकी जवान अंदर घुसकर तलाशी में व्यस्त थे, तब कीमा हमेशा की तरह सतर्क रहते हुए सभी गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे। अपनी सतर्कता के कारण ही उन्होंने ग्रेनेड से पिन निकालते आतंकी को देख लिया था।” पूर्व सीओ के अनुसार, अगर आतंकी पिन निकालने में कामयाब हो जाता, तो दर्जनों सैनिकों को अपनी जान गंवानी पड़ती और सफल अभियान के लिए की गई सारी मेहनत मिट्टी में मिल जाती। शहीद हेड कांस्टेबल लाल फाम कीमा के परिवार में उनकी मां, पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है।