नयी दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रलय अंतरराष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञन संस्थान (आईआईपीएस) के निदेशक के. एस. जेम्स के कार्यकाल के दौरान हुई कथित अनियमितताओं की जांच कर रहा है, जिसमें राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सव्रेक्षण (एनएफएचएस) डेटा से छेड़छाड़, विदेशी संस्थाओं को शोधपत्र लीक करने और भर्ती में गड़बड़ी समेत अन्य खामियों की जांच शामिल है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
आईआईपीएस स्वास्थ्य मंत्रलय के अंतर्गत आता है जो चार वर्षीय एनएफएचएस का खाका तैयार करता है और इसके लिए आंकड़े भी एकत्र करता है।मंत्रलय ने जांच पूरी होने तक 27 जुलाई को जेम्स को निलंबित कर दिया था।इसने 29 जुलाई को कहा था कि भर्ती और नियुक्तियों में अनियमितताओं एवं आरक्षण रोस्टर के अनुपालन के संबंध में शिकायतें मिली हैं, जिनकी जांच के लिए स्वास्थ्य मंत्रलय ने छह मई को एक तथ्यान्वेषी समिति का गठन किया था। मंत्रलय ने कहा था, ‘‘समिति को प्रथम दृष्टया प्राप्त 35 शिकायतों में से 11 में अनियमितताएं मिलीं।’’इसने कहा था कि आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और संस्थान के प्रमुख होने के नाते आईआईपीएस निदेशक पर्याप्त निगरानी करने में विफलता के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार हैं।
समिति ने संबंधित अवधि के रजिस्ट्रार के साथ-साथ संबंधित निदेशक के खिलाफ भी जांच की सिफारिश की थी।बृहस्पतिवार को एक आधिकारिक सूत्र ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘जेम्स के खिलाफ जो शिकायतें मिली हैं, उनमें एनएफएचएस के लिए आंकड़े एकत्र करना और उस पर कार्यवाही में अनियमितताएं शामिल हैं, जो गहन ंिचता का विषय है और मंत्रलय इस पर गौर कर रहा है।’’ सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा शोधपत्र विदेशी संस्थाओं को लीक करने, भर्ती और नयी इमारतों के निर्माण में अनियमितता तथा आरक्षण रोस्टर के उल्लंघन के भी आरोप हैं, जिनकी जांच की जा रही है। आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘यह भी आरोप लगाया गया है कि उन्होंने चीन में एक वेबिनार में भी भाग लिया था। इन सभी आरोपों की जांच की जा रही है।’’