नेशनल डेस्क: गुजरात में हाल ही में नवरात्रि के दौरान गरबा करते हुए दिल का दौरा पड़ने से कई लोगों की मौत हो गई। अचानक नाचते-नाचते लोग गिरे और उनकी जान चली गई। इन दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया गुजरात दौरे पर हैं और जब उनसे इस बारे में मीडिया ने जब सवाल पूछा तो उन्होंने उसके पीछे की वजह बताई। सात ही स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों को सलाह भी दी कि किस तरह इससे बच सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ICMR ने इस पर एक स्टडी की है। इस अध्ययन में पता चला है कि जो लोग गंभीर रूप से कोरोना की चपेट में आए थे उन्हें हार्ट अटैक की ज्यादा प्रॉब्लम हुई है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जिनको कोरोना हुआ था और स्वस्थ हुए ज्यादा समय नहीं हुआ तो उनको व्यायाम, ज्यादा काम, दौड़ना आदि एक दो साल तक नहीं करना चाहिए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना संक्रमण से दिल और रक्त वाहिकाएं प्रभावित हुई हैं। कोरोना के कारण शरीर में खून के थक्के जमने की घटनाएं देखी गई हैं। इन खून के थक्कों की वजह से ही दिल का दौरा पड़ने, सेरेब्रल स्ट्रोक समेत कई परेशानियां हो रही हैं। हालांकि यह खतरा कोरोना होने के 1-2 महीने तक ही बताया गया। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ये भी बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते लोगों के हृदय की मांसपेशियां कमजोर हुई हैं, इसके चलते भी दिल का दौरा पड़ने की घटनाएं काफी हो रही हैं। हालांकि अभी भी अचानक से हो रही मौतों को लेकर अध्ययन चल रहे हैं।
गुजरात में गरबा करते हुए एक हफ्ते में दिल का दौरा पड़ने से छह लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में एक महिला और एक 12वीं क्लास में पढ़ने वाला छात्र भी शामिल था। इसके अलावा नवरात्रि के दौरान पूरे राज्य में कुल 22 लोगों की मौत ऐसे ही अचानक हार्ट अटैक के चलते हुई।
कोरोना काल के बाद से अचानक ही हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं। लोग नाचते-नाचते और गाते हुए ही गिर गए और साथ ही उनकी मौत हो गई।