उच्च न्यायालय ने आयकर मांग पर रोक लगाने की ‘Newsclick’ की याचिका खारिज की

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें आयकर आयुक्त (अपील) के समक्ष अपील के लंबित रहने के दौरान आयकर मांग पर रोक लगाने का आग्रह किया गया था। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा ने कहा कि समाचार पोर्टल अपने पक्ष में.

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें आयकर आयुक्त (अपील) के समक्ष अपील के लंबित रहने के दौरान आयकर मांग पर रोक लगाने का आग्रह किया गया था। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा ने कहा कि समाचार पोर्टल अपने पक्ष में प्रथम दृष्टया मामला भी नहीं बना पाया और कहा कि याचिकाकर्ता को आयकर आयुक्त (अपील) के समक्ष कई सारे सवालों के जवाब देने होंगे।

पीठ ने अपने आदेश में कहा, मौजूदा मामले में मूल्यांकन अधिकारी ने मूल्यांकन आदेश में याचिकाकर्ता के खिलाफ कई ठोस निष्कर्ष दिए हैं। असल में, मूल्यांकन अधिकारी ने कई प्रासंगिक तथ्यों का विश्लेषण करने के बाद पाया कि याचिकाकर्ता और विदेशी संस्थाओं के बीच लेनदेन ‘रिवर्स इंजीनियरिंग’ पर आधारित था। अदालत ने यह आदेश 29 नवंबर को पारित किया था और यह सोमवार रात को उसकी वेबसाइट पर उपलब्ध हुआ।

उच्च न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता की बैलेंस-शीट के आधार पर वित्तीय अभाव की याचिका भी “अविश्वास” को प्रेरित करती है और मूल्यांकन अधिकारी के अनुसार, खातों को ठीक से बनाए नहीं रखा गया है। पीठ ने कहा लिहाज़ा रिट याचिका खारिज की जाती है। यह अदालत साफ करती है कि इस अदालत द्वारा दिए गए निष्कर्ष सिर्फ मौजूदा रिट कार्यवाही के संदर्भ में हैं और अपीलीय कार्यवाही के चरण में किसी भी पक्ष को प्रभावित नहीं करेंगे। ‘न्यूजक्लिक’ ने उच्च न्यायालय का रुख कर आयकर विभाग की ओर से पारित तीन नवंबर 2023 और 20 फरवरी 2023 के आदेशों को चुनौती दी थी।

इन आदेशों के आधार पर, आयकर विभाग ने 30 दिसंबर 2022 के मूल्यांकन आदेश के खिलाफ अपील के लंबित रहने तक कर मांग पर रोक की ‘न्यूज़क्लिक’ की याचिका को खारिज कर दिया था। पोर्टल ने आयकर आयुक्त (अपील) के समक्ष अपील के लंबित रहने तक मांग पर रोकने लगाने का भी आग्रह किया था। ‘न्यूज़क्लिक’ के संस्थापक प्रबीर पुरकास्थ और मानव संसाधन प्रमुख अमित चक्रवर्ती को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा गैर कानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया है और वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। उनपर पैसे लेकर चीन के समर्थन में दुष्प्रचार करने का आरोप है।

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