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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114शिमलाः मानसून सीजन में आई प्राकृतिक आपदा ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सुक्खू सरकार की माली हालत बिगाड़ दी है। सुक्खू सरकार अपने 10 महीने के कार्यकाल में नौ हजार करोड़ रुपये ऋण ले चुकी है। इस वित्त वर्ष में तीन हजार करोड़ से अधिक लोन लिया गया है। अब एक हजार करोड का और कर्ज लेने जा रही है। उल्लेखनीय है कि आपदा प्रभावितों के लिए राज्य सरकार 4500 करोड़ के विशेष राहत पैकेज की घोषणा कर चुकी है। विशेष बात यह है कि आपदा राहत कार्यों के लिए अतिरिक्त धन की व्यवस्था में जुटी सुक्खू सरकार एक बार फिर 1000 करोड़ रुपये का लोन लेगी। इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है।
हिमाचल के वित्त सचिव अभिषेक जैन की ओर से यह अधिसूचना जारी की गई है, जिसमें कहा गया है कि लोन लेने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के पास राज्य सरकार की प्रतिभूतियों की नीलामी की जाएगी। कर्ज लेने का उद्देश्य राज्य में विकास कार्यों को आगे बढ़ाना बताया गया है। उन्होंने कहा कि इस ऋण को अगले 20 वर्षों की अवधि के लिए लिया जाएगा। इस कर्ज़ को लेने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के पास राज्य सरकार की प्रतिभूतियों की नीलामी की जाएगी। कर्ज लेने का मकसद राज्य में विकास कार्यों को आगे बढ़ाना बताया जा रहा है। लेकिन माना जा रहा है कि राज्य सरकार को आपदा राहत कार्यों और अन्य वजहों से यह नया ऋण लेना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार को आपदा राहत कार्यों और अन्य वजहों से यह नया ऋण लेना पड़ रहा है। क्योंकि भारी बरसात की वजह से हिमाचल प्रदेश को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है। साथ ही दीवाली पर डीए की किस्त भी सरकार जारी कर सकती है। ऐसे में इस किस्त के लिए लोन लेने की भी चर्चाएं हैं। हिमाचल प्रदेश पर वर्तमान में करीब 78 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। इससे पहले राज्य सरकार ने प्राकृतिक आपदा के बीच गत अगस्त माह में 500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में आज पैदा होने वाले हर बच्चे पर 1,02,818 रुपए से अधिक का कर्ज है जबकि भाजपा सरकार के सत्ता में आने से पहले प्रति व्यक्ति कर्ज 76,630 रुपए था। इसके चलते वर्तमान सरकार को वर्ष 2023-24 में कर्ज अदायगी पर 9048 करोड़ रुपए व्यय करने होंगे।
मौजूदा समय में प्रदेश पर 10 हजार करोड़ रुपए वेतन व पैंशन के अलावा 600 करोड़ रुपए के महंगाई भत्ते के अदा करने हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि हिमाचल प्रदेश इस समय अधिक कर्ज लेने वाले राज्यों में 5वें स्थान पर पहुंच गया है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने विधानसभा के मानसून सत्र में प्रदेश के वित्तीय हालात को लेकर प्रस्तुत श्वेत पत्र में यह खुलासा किया था। हिमाचल प्रदेश पर वर्ष 2017 में 47906 करोड़ रुपए का कर्ज था, जिसमें अब तक 29724 करोड़ रुपए की अतिरिक्त बढ़ौतरी हो गई है।
भारी बरसात की वजह से हिमाचल प्रदेश को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा है। मानसूनी आपदा ने कई जगह त्रही माम की स्थिति खड़ी कर दी। भूस्खलन, बाढ, बादल फटने की घटनाओं में कई लोगों को लील गया। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक मानसून सीजन में विभिन्न हादसों में 503 लोगों की जान गई। इनमें 147 लोगों की मौत भूस्खलन, बाढ व बादल फटने के कारण हुई। अन्य वर्षा जनित हादसों में 356 लोग मारे गए। मानसून से प्रदेश में 2941 घर पूर्ण रूप से ढह गए, 12302 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा। इ
सके अलावा 421 दुकानें, 7247 पशुशालाएं भी ध्वस्त हो गईं। मानसून सीजन के दौरान राज्य के 169 स्थानों पर भूस्खलन हुआ, जबकि 72 स्थानों पर बाढ़ आई। कई जगह नेशनल हाइवे और सड़कें भूस्खलन से टूट गईं। जमीन धंसने से 200 गांव प्रभावित हुए। मानसून से राज्य में प्रत्यक्ष तौेर पर 9711 करोड़ का नुकसान हुआ जबकि अप्रत्यक्ष तौर पर नुकसान का आंकड़ा 12 हज़ार करोड़ है।