कुल्लू (सृष्टि) : हिमाचल प्रदेश में जुलाई महीने में आई भारी बारिश से हुए नुकसान को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने को लेकर सीपीआईएम होतम सिंह सोंखला ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। और यह मांग रखी की आपदा में प्रभावित हुए लोगों को घर के बदले घर और जमीन के बदले जमीन मुहैया करवाई जाए सीपीआईएम का कहना है कि प्रदेश में सरकारी आकलन के अनुसार 12000 करोड रुपए का नुकसान हुआ है तो वही सैकड़ो लोगों की जान भी इस दौरान आई आपदा में गई है जिसको लेकर उन्होंने यह मांग रखी है कि जिन लोगों का इस आपदा में नुकसान हुआ है उन्हें जल्द से जल्द राहत मुहैया करवाई जानी चाहिए।
सीपीआईएम जिला महासचिव होतम सिंह सोंखला का कहना है कि हजारों किसान परिवारों की जमीन है भूस्खलन में खत्म हो गई है और किसने की फसलों का भी नुकसान हुआ है तो वही प्रदेश में पुनर्निर्माण और पुनर्स्थापना केंद्र सरकार की मदद के बिना संभव नहीं है। ऐसे में उन्होंने केंद्र सरकार से यह मांग रखी है कि इसे जल्द से जल्द राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए या प्रदेश को एक मुस्त 10000 करोड़ की आर्थिक राहत दी जाए।
सीपीआईएम का कहना है कि वन संरक्षण कानून 1980 में किए गए संशोधन के आधार पर प्रदेश में जमीन के बदले जमीन दी जाए और मकान बनाने के लिए भी जिन लोगों के पास जमीन नहीं बची है। उन्हें भी जमीन मोहिया करवाई जाए ताकि लोग एक बार फिर से अपना जीवन सामान्य तौर पर गुजर बसर कर सके। वहीं उनका कहना है कि प्रदेश सरकार ने त्रासदी में लोगों को राहत देने के लिए अच्छे प्रयास किए हैं, लेकिन अभी भी ग्रामीण स्तर पर कई परिवारों के मकान और जमीन के नुकसान का आकलन नहीं हो पाया है और बहुत से परिवारों को अभी भी राहत नहीं मिली है।
सीपीआईएम जिला महासचिव होतम सिंह सोंखला का कहना है कि विभागों द्वारा ग्रामीण स्तर पर लोगों के नुकसान को मौके पर देखा जाए, ताकि बचे हुए परिवारों को भी राहत राशि मिल सके। वहीं जिन परिवारों का मौका किया गया है उन परिवारों को बची हुई राहत राशि भी शीघ्र अति शीघ्र मुहैया करवाई जाए और जिन परिवारों के मकान टूटे या ढह गए हैं उन परिवारों का रहने का उचित प्रबंध किया जाए तथा जमीन के बदले जमीन और मकान के बदले मकान दिए जाएं।